'मेरा बेटा लौट आया, मेरे शौहर वहीं थे', मुस्तफाबाद की महिला ने दिल्ली हिंसा पर बयां किया दर्द, नमाज पढ़ते वक्त पति पर हमला

By भाषा | Published: February 27, 2020 03:31 PM2020-02-27T15:31:03+5:302020-02-27T15:31:03+5:30

दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या फिलहाल 34 हो गई है। मरने वालों के आंकड़ों में इजाफा होने की संभावना है। तकरीबन 200 लोग घायल हैं।

Delhi Violence Mustafabad Crowd attacked physically disabled person while Namaz wife tell story | 'मेरा बेटा लौट आया, मेरे शौहर वहीं थे', मुस्तफाबाद की महिला ने दिल्ली हिंसा पर बयां किया दर्द, नमाज पढ़ते वक्त पति पर हमला

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlights दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थिति नियंत्रित करने का काम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को दिया गया है।

उत्तरपूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शारीरिक रूप से अक्षम फिरोज अख्तर जब मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे तो वहां घुसी भीड़ ने डंडों से उनकी बेरहमी से पिटाई की। लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती 42 वर्षीय दर्जी अख्तर को सिर, कमर और कंधे में गंभीर चोटें आयी हैं। अख्तर के साथ पांच साल पहले सड़क दुर्घटना हुई थी और उसके बाद से वह ठीक तरीके से चल नहीं पाते थे। घटना को याद करते हुए उनकी पत्नी संजीदा ने बताया कि उनके शौहर और 20 वर्षीय बेटा दानिश इलाके के अन्य लोगों के साथ मंगलवार को प्रदर्शन स्थल पर गए थे ताकि नजदीक के इलाके में धरने पर बैठी महिलाओं की रक्षा कर सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा कुछ देर बाद लौट आया लेकिन मेरे शौहर वहीं थे। जैसे ही मुझे पथराव और गोलीबारी की घटनाओं का पता चला तो मैंने अपने पति को फोन किया और उसने लौटने के लिए कहा क्योंकि वह किसी आपात स्थिति में भाग नहीं सकते थे।’’ संजीदा ने कहा कि उनके शौहर नजदीक की एक मस्जिद में भागे और जब वह नमाज पढ़ रहे थे तो भीड़ घुस गई तथा लाठियों से उनकी तथा अन्य लोगों की पिटाई की तथा उन्हें घसीट कर बाहर ले आई। इसके कुछ देर बाद संजीदा को किसी अनजान व्यक्ति का फोन आया जिसने उन्हें उनके शौहर के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत डरी हुई थी और मैंने फोन करने वाले की बातों पर भरोसा नहीं किया।’’ फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसने अख्तर को प्राथमिकी उपचार दे दिया है और वह अख्तर को लेने उसके घर आ जाए। उन्होंने कहा, ‘‘बाद में उसने मेरे पति से बात कराई और उन्होंने कहा कि वह घर लौटने में सक्षम नहीं हैं।’’ फोन करने वाले व्यक्ति ने संजीदा को बताया कि उन्होंने अख्तर को अल हिंद अस्पताल, मुस्तफाबाद में भर्ती करा दिया है जहां से वह अपने दो बेटों के साथ उन्हें एलएनजेपी ले गई।

संजीदा ने कहा, ‘‘जामिया में रहने वाली मेरी बहन की मदद से एम्बुलेंस की व्यवस्था हुई और पुलिस की सहायता से हम भजनपुरा से करीब देर रात करीब ढाई बजे एनएलजेपी पहुंचे।’’ उन्होंने कहा कि रास्ते में सिग्नेचर ब्रिज के समीप एम्बुलेंस पर पथराव भी किया गया। नैनीताल निवासी अमर जहां दो दिन पहले अपनी बेटी का एलएनजेपी में इलाज कराने के लिए वजीराबाद में अपने भाई के घर आई थी। जहां ने कहा, ‘‘स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। हम पूरी रात नहीं सो सकें क्योंकि हमें डर था कि कोई हम पर हमला कर देगा। मुझे किसी तरह वैन मिली और आज मैं अपनी बेटी को इलाज के लिए लेकर आयी। मुझे घर लौटने पर सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है।’’

Web Title: Delhi Violence Mustafabad Crowd attacked physically disabled person while Namaz wife tell story

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