दिल्ली हिंसाः मौजपुर, जाफ़राबाद, बाबरपुर में फ्लैग मार्च, सात मार्च तक स्कूल बंद, 15 दिन लगेंगे बिजली बहाल करने में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 29, 2020 04:42 PM2020-02-29T16:42:38+5:302020-02-29T17:33:44+5:30
मौजपुर, जाफ़राबाद, बाबरपुर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इस दौरान स्पेशल CP सतीश गोलचा ने लोगों से बात करके उनका विश्वास जीतने की कोशिश की। सतीश गोलचा ने कहा कि पिछले 3 से ज्यादा दिन से कोई घटना नहीं हुई है, इसलिए हमने कर्फ्यू के टाइमिंग में भी राहत दी है।
अधिकारियों ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर स्कूल सात मार्च तक बंद रहेंगे। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर सात मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है इसलिए वार्षिक परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है।
इस बीच, मौजपुर, जाफ़राबाद, बाबरपुर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इस दौरान स्पेशल CP सतीश गोलचा ने लोगों से बात करके उनका विश्वास जीतने की कोशिश की। सतीश गोलचा ने कहा कि पिछले 3 से ज्यादा दिन से कोई घटना नहीं हुई है, इसलिए हमने कर्फ्यू के टाइमिंग में भी राहत दी है।
BSES ने हिंसा प्रभावित इलाके शिव विहार में बिजली आपूर्ति की बहाली पर काम शुरू कर दिया है। बिजली अधिकारी प्रशांत गोस्वामी ने बताया कि लगभग पूरे इलाके को नुकसान पहुंचा है और ठीक करने में कम से कम 15 दिन लगेंगे।
दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा में मारे गए 35 लोगों के मौत के कारणों का शुक्रवार को खुलासा किया। पुलिस ने मुताबिक इनमें से 22 लोगों की मौत पथराव या हमलों में घातक चोट लगने से व 13 लोगों की मौत गोली लगने से हुई। पुलिस अब तक सिर्फ 26 मृतकों की शिनाख्त कर पाई है। पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक..., दंगों के दौरान लगी चोटों की वजह से 35 लोगों की मौत (मंगलवार तक) हुई..., 13 लोगों को गोली लगी थी और 22 की मौत गंभीर चोटों की वजह से हुई...,।”
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने अलग से कहा कि 38 लोग-अधिकतर की उम्र 20 से 40 साल से बीच-हिंसा के दौरान मारे गए। अस्पताल अधिकारियों ने मृतकों का आंकड़ा हालांकि 42 बताया है। शारीरिक हमले या पथराव में मारे गए लोगों में - आलोक तिवारी (32), मोहसिन (25), सलमान (24), आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा (26), अशफाक हुसैन, दिलबर सिंह नेगी (21), माहरूफ अली(32), मेहताब (22), जाकिर (24), दीपक कुमार (34) शामिल हैं। जिन लोगों की मौत गोली लगने से हुई उनमें अमान (18), दिनेश (34), हेड कांस्टेबल रतन लाल (42), इश्तियाक (24), मोहम्मद मुबारक हुसैन (28), मोहम्मद मुदस्सर (30), प्रवेश (48), राहुल सोलंकी (26), शाहिद, वीरभान (50), मोहम्मद फुरकान (30) और शाद मोहम्मद (35) शामिल हैं। पुलिस राहुल ठाकुर, फैजान, नितिन और विनोद की मौत के कारणों की पहचान नहीं कर पाई।
दिल्ली: मौजपुर, जाफ़राबाद, बाबरपुर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इस दौरान स्पेशल CP सतीश गोलचा ने लोगों से बात करके उनका विश्वास जीतने की कोशिश की। सतीश गोलचा ने कहा कि पिछले 3 से ज्यादा दिन से कोई घटना नहीं हुई है, इसलिए हमने कर्फ्यू के टाइमिंग में भी राहत दी है। pic.twitter.com/dcRx1yKkuZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 29, 2020
दिल्ली हिंसा : 148; प्राथमिकी दर्ज, 630 लोग गिरफ्तार या हिरासत में
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कुल 148 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है।
इन कुल मामलों में 25 मामले हथियार कानून के तहत दर्ज किए गए हैं। रंधावा ने कहा, ‘‘जांच जारी है और हमनें एएसएल दलों को बुलाया है। हम अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना कर रहे हैं। हमने स्थिति पर काबू पा लिया है और हालात सामान्य हो रहे हैं।
अधिकारियों के साथ क्षेत्रों में (बलों) की तैनाती रहेगी। हमने अमन समितियों के साथ करीब 400 बैठकें की हैं।’’ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर 42 हो गयी है। सांप्रदायिक संघर्षों में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं।