दिल्ली हिंसाः पुलिसकर्मी सहित 10 लोगों की मौत, चार इलाकों में कर्फ्यू, ड्रोन से होगी निगरानी, एक हजार पुलिसकर्मियों की सशस्त्र बटालियन तैनात
By भाषा | Published: February 25, 2020 08:10 PM2020-02-25T20:10:02+5:302020-02-25T20:10:02+5:30
स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। दंगाइयों ने बेकरी की एक दुकान और फलों के कई ठेलों को फूंक दिया। पुलिस के अनुसार उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा में कम से कम दस लोगों की जान चली जाने की खबर है।
उत्तर पूर्व दिल्ली के चांदबाग इलाके में हिंसा के ताजे दौर के तहत मंगलवार शाम को दंगाइयों ने दुकानों में आग लगा दी और पथराव किया।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन यह प्रयास व्यर्थ रहा। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। दंगाइयों ने बेकरी की एक दुकान और फलों के कई ठेलों को फूंक दिया। पुलिस के अनुसार उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा में कम से कम दस लोगों की जान चली जाने की खबर है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 10 व्यक्तियों की मौत हो गई है और वह असामाजिक तत्वों की संलिप्तता वाली घटनाओं पर कार्रवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप रंधावा ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्से अभी भी हिंसा की चपेट में हैं।
रंधावा ने कहा कि हिंसा के संबंध में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम असामाजिक तत्वों से जुड़ी घटनाओं पर कार्रवाई कर रहे हैं। उत्तरपूर्वी दिल्ली में पर्याप्त बल तैनात किया गया है। आरएएफ और सीआरपीएफ को भी तैनात किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए जा रहे एक हजार सशस्त्र पुलिसकर्मी
दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में लगभग एक हजार पुलिसकर्मियों की सशस्त्र बटालियन तैनात की जा रही है और अंतरराज्यीय सीमाओं पर करीब से नजर रखी जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बारे में यह जानकारी दी गई।
बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, भाजपा के नेता मनोज तिवारी और रामवीर बिधूड़ी भी शामिल हुए। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली में पुलिस-विधायक समन्वय मजबूत करने के साथ ही धार्मिक और जाने-माने स्थानीय नागरिकों सहित समाज के सभी तबकों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समितियों को पुन: सक्रिय करने का भी निर्णय किया गया।
दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त बलों के साथ ही विशेष अधिकारियों की तैनाती की जा रही है जहां एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोग मारे गए हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस की एक सशस्त्र बटालियन तैनात की जा रही है।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाओं पर पिछले तीन दिन से करीब से नजर रखी जा रही है और दिल्ली पुलिस खास तौर पर यहां शाहीन बाग को लेकर उच्चतम न्यायालय के आने वाले फैसले के मद्देनजर पर्याप्त एहतियाती कदम उठा रही है। पेशेवर आकलन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा अपने आप भड़की और बलों ने अधिकतम संयम बरता है तथा वे ऐसा करना जारी रखेंगे। गृह मंत्री ने उल्लेख किया कि कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं जिससे पुलिस का समय बर्बाद होता है।
उन्होंने जनता और मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने तथा अफवाहों के प्रसार से बचने की अपील की। उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से पुलिस नियंत्रण कक्षों में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात करने को कहा जिससे कि अफवाहों को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। शाह ने स्थानीय शांति समितियों को फिर से सक्रिय करने की जरूरत बताई और कहा कि इन समितियों में धार्मिक, जाने-माने स्थानीय लोगों सहित समाज के सभी तबकों के प्रतिनिधि होने चाहिए।
Latest visuals from Chand Bagh area in violence-hit North East Delhi. https://t.co/F6xTzasXuPpic.twitter.com/U8U8WXRspc
— ANI (@ANI) February 25, 2020
उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से संवेदनशील क्षेत्रों में बैठकें करने को कहें। शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील थानों का जल्द से जल्द दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने राजनीतिक दलों से भड़काऊ भाषणों और बयानों से बचने का आग्रह किया। शाह ने सभी दलों की भागीदारी की प्रशंसा की और उनसे संयम बरतने तथा समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम करने तथा राजनीतिक दलों के कैडरों को स्थिति नियंत्रण में होने का आश्वासन देने को कहा।
उन्होंने कहा कि माहौल बिगाड़ने वाले घृणा भाषणों के जवाब में पुलिस चेतावनी जारी करती रही है। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधियों से फीडबैक लिया गया है और इसे उपराजयपाल तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त से चर्चा के बाद भविष्य की कार्रवाई को लेकर ध्यान में रखा गया है। शाह ने जोर देकर कहा कि दिल्ली पुलिस की आलोचना से बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक और अवांछित आलोचना का पुलिस के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस एक पेशेवर बल है और तनाव की स्थिति में आवश्यक बल प्रयोग का निर्णय करने का उसे पर्याप्त अधिकार है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविन्द कुमार भी बैठक में शामिल हुए। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर हुई हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोग मारे गए और कम से कम 50 लोग घायल हो गए। घायलों में अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के कई कर्मी भी शामिल हैं। उग्र प्रदर्शनकारियों ने भारी पथराव के साथ ही घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी थी।
#WATCH Delhi Commissioner of Police, Amulya Patnaik: Some news agency ran the news that Delhi Police said that it has not got adequate forces from MHA, this information is wrong. MHA is continually supporting us & we have adequate forces. Delhi police denies this completely. pic.twitter.com/C8r9Vtueeg
— ANI (@ANI) February 25, 2020