दिल्ली में यमुना नदी के ऊपर तैरता दिखा जहरीला फोम, वीडियो देखकर हो जाएंगे हैरान
By विनीत कुमार | Published: November 21, 2020 11:41 AM2020-11-21T11:41:53+5:302020-11-21T11:46:48+5:30
दिल्ली में यमुना नदी का हाल बुरा है। इसकी एक और बानगी शनिवार सुबह आए एक वीडियो से नजर आई। इस वीडियो में यमुना के ऊपर बह रहे जहरीले फोम से पता चलता है कि नदी का जल किस स्तर तक गंदा हो चुका है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खराब हो रहा है। देश की राजधानी में शनिवार सुबह भी हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली के कई इलाकों में सुबह से ही स्मॉग जैसी स्थिति नजर आई। दिल्ली में दिवाली के बाद से प्रदूषण के हालात बिगड़े हैं। हालांकि, दिवाली के बाद बारिश और थोड़ी तेज गति से हवा चलने से प्रदूषण में कुछ कमी भी आई है। इस बीच यमुना नदी की एक हैरान करने वाली तस्वीर फिर सामने आई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से ट्वीट किए गए एक वीडियो में यमुना नदी पर बड़े स्तर पर जहरीला फोम तैरता नजर आया। वीडियो शनिवार सुबह का है और कालिंदी कुज इलाके का है। लॉकडाउन खुलने के बाद पिछले कई दिनों में यमुना की ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जिसने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। यमुना को साफ करने की कई बार पहले बातें होती रही हैं लेकिन नतीजा सिफर रहा है।
#WATCH Toxic foam floats on Yamuna River at Kalindi Kunj in Delhi pic.twitter.com/hp2uXfxEkV
— ANI (@ANI) November 21, 2020
लॉकडाउन के दौरान कुछ अच्छी तस्वीरें भी यमुना नदी की आई थी और एक उम्मीद जगी थी। हालांकि, बाद में स्थिति फिर पहले जैसी हो गई। इस बीच बुधवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड मार्च 2023 तक यमुना का प्रदूषण 90 फीसदी तक कम करेगा।
यमुना की सफाई को लेकर इसी हफ्ते एक समीक्षा बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री केजरीवाल और जल मंत्री सत्येंद्र जैन को इस बारे में विस्तृत योजना भी पेश की। इसमें, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले करीब 150 एमजीडी प्रदूषित पानी को प्राकृतिक झीलों और वातन पद्धति के जरिए शोधित करना शामिल है।
बोर्ड के एक प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे, छोटे और बड़े नालों के गंदे पानी को सीवेज शोधन संयंत्रों में पहुंचाया जाएगा। तीसरे मौजूदा एसटीपी की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। बताया गया कि बोर्ड पूरी दिल्ली के सैप्टिक टैंकों से कीचड़ उठाएगा और इसका इस्तेमाल बिजली और गैस बनाने के लिए बायो गैस संयंत्रों में किया जाएगा।
सीएम केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि मार्च 2023 तक यमुना का 90 फीसदी प्रदूषण खत्म हो जाए। सरकार शोधित जल के फिर से उपयोग की क्षमता को प्रतिदिन 400 मिलियन गैलन तक बढ़ाएगी। अधिक शोधित जल का इस्तेमाल झीलों, वनों, बागवानी, भूजल पुनर्भरण और सिंचाई उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
(भाषा इनपुट)