दिल्ली: सीमा ढाका बनीं आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली पहली पुलिसकर्मी, 76 गुमशुदा बच्चों को यूं ढूंढ निकाला
By धीरज पाल | Published: November 19, 2020 01:54 PM2020-11-19T13:54:07+5:302020-11-19T13:56:07+5:30
सीमा ढाका इस समय नॉर्थ जिले के समयपुर बादली थाने में तैनात हैं। इसी साल अगस्त में पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने गुमशुदा बच्चों को तलाशने के काम में तेजी लाने के लिए एक नई इंसेंटिवव स्कीम का ऐलान किया था।
दिल्ली पुलिस में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने महज तीन महीने के भीतर 76 लापता बच्चों को ढूंढ कर बहादुरी की नई मिशाल पेश की है। इसके लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। यानी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद वो असिस्टेंट सब-इंस्पैक्टर बन जाएंगी। इस तरह प्रमोशन पाने वो पहली पुलिसकर्मी भी बन गई हैं।
बता दें कि दिल्ली में लगातार बच्चों के गुमशदा होने की रिपोर्टों की संख्या बढ़ती जा रही थी। इसे देखते हुए इसी साल अगस्त में पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने गुमशुदा बच्चों को तलाशने के काम में तेजी लाने के लिए एक नई इंसेंटिवव स्कीम का ऐलान किया था। इस स्कीम के पीछे का मससद पुलिसवालों को प्रोत्साहित करना था। इसी स्कीम के तहत सीमा को ये प्रमोशन दिया गया है।
सीमा ढाका इस समय नॉर्थ जिले के समयपुर बादली थाने में तैनात हैं। सीमा ने पूरी लगन और निष्ठा के साथ महज तीन महीने के अंदर 76 लापता बच्चों को ढूंढ निकाला। इनमें से 56 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 14 साल से भी कम थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ बच्चे तो दिल्ली के बाहर अन्य राज्यों से भी बरामद हुए, जैसे पंजाब और पश्चिम बंगाल। ये बच्चे दिल्ली के अलग-अलग पुलिस थाना क्षेत्रों से लापता हुए थे।
सीमा ने उन्हें तलाशने मेंमें अन्य राज्यों की पुलिस की भी मदद ली।वहीं, सीमा निष्ठा और लगन को देख पुलिस कमिश्नर ने उम्मीद जताई है कि इससे अन्य पुलिसकर्मियों को भी गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए प्रेरणा मिलेगी। सीमा ढाका 2006 में सिपाही के पद पर भर्ती हुई थीं। सीमा ढाका मूलतः यूपी के शामली की रहने वाली हैं। सीमा के पति भी दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं और नॉर्थ रोहिणी थाने में तैनात हैं। सीमा का एक 8 साल का बेटा भी है। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक 5,412 लापता बच्चों में से 3,336 बच्चों का पता लगाया जा चुका है। इस साल अक्टूबर तक दिल्ली 3507 लापता में से कुल 2629 बच्चों पता लगा चुकी है।
पुलिस ने बताया है कि इस आदेश के बाद गुमशुदा बच्चों की तलाश और बरामदगी की प्रक्रिया में गजब का बदलाव देखा गया है। अगस्त, 2020 से बहुत से बच्चों को ढूंढ निकाला गया है। पुलिस ने कहा है कि इससे दुखी परिवारों की खुशी भी वापल लौटी है और इन छोटे बच्चों को उनके गलत इस्तेमाल और शोषण से भी बचाया गया है।