दिल्ली: सीलिंग मामले पर कड़ी निंदा के बाद SC ने BJP सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ बंद की कार्रवाई
By भाषा | Published: November 22, 2018 01:01 PM2018-11-22T13:01:39+5:302018-11-22T13:01:39+5:30
गौरतलब है कि 16 सितंबर को मनोज तिवारी ने दिल्ली में एक सीलबंद गैरआधिकारिक कॉलोनी के अंदर जाकर डीएमसी द्वारा सील बंद एक घर का ताला तोड़ा था।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली भाजपा प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ सीलिंग मामले में चल रही अवमानना की कार्रवाई बृहस्पतिवार को बंद कर दी। हालांकि न्यायालय ने कानून हाथ में लेने के लिए तिवारी की निंदा की।
स्थानीय निकाय द्वारा एक परिसर पर लगायी गयी सील सितंबर में तोड़ने के सिलसिले में तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चल रही थी।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिवारी की निंदा करते हुए कहा कि न्यायालय उनके व्यवहार से ‘‘बेहद दुखी’’ है क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें जिम्मेदाराना व्यवहार करना चाहिए।
पीठ ने कहा कि तिवारी ने अदालत से अधिकार प्राप्त समिति के खिलाफ तुच्छ आरोप लगाए जिससे पता चलता है कि ‘‘वह कितना नीचे गिर सकते हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘‘गलत राजनीतिक दुष्प्रचार के लिए कोई जगह नहीं है’’ और इनकी निंदा की जानी चाहिए। न्यायालय ने 19 सितंबर को तिवारी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।
उत्तर पूर्व दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में सीलिंग के चलते लगाई गई एक सील तोड़ने के मामले में तिवारी के खिलाफ ईडीएमसी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 16 सितंबर को मनोज तिवारी ने दिल्ली में एक सीलबंद गैरआधिकारिक कॉलोनी के अंदर जाकर डीएमसी द्वारा सील बंद एक घर का ताला तोड़ा था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष मनोज तिवारी का सीलिंग के दौरान सील हुए एक घर का ताला तोड़ते हुए वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद डीएमसी ने उनके खिलाफ मंगलवार को दिल्ली में आईपीसी की धारा 188, 461 और 465 के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं डीएमसी ने फिर से उस मकान को सील किया, जिसका ताला मनोज तिवारी ने तोड़ा था।