दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 22, 2023 02:26 PM2023-03-22T14:26:00+5:302023-03-22T14:35:55+5:30

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

Delhi Rouse Avenue Court sent Manish Sisodia to Judicial Custody till April 5 | दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा

मनीष सिसोदिया 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे

Highlights मनीष सिसोदिया 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत मेंदिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिया फैसला आबकारी नीति घोटाला मामले में जांच का सामना कर रहे हैं सिसोदिया

नई दिल्ली: आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं।  दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस तरह एक बार फिर जमानत मिलने की सिसोदिया की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। 

राउज एवेन्यू कोर्ट में आज हुई सुनवाई ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले में हुई। ईडी ने शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में मामला दर्ज किया है। मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने आबकारी नीति से अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई। इसके अलावा बिना एजेंडा और कैबिनेट नोट सर्कुलेट कराए कैबिनेट में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पास करवाए गए।
 

इससे पहले मंगलवार, 21 मार्च को सिसोदिया पर सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर स्पेशल कोर्ट सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा बार-बार फोन बदला जाना कोई मासूम कर्म नहीं, बल्कि यह साक्ष्य मिटाने के लिए किया गया था।

सीबीआई की तरफ से अदालत में पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अपने फोन नष्ट कर दिए क्योंकि वह चैट नष्ट करना चाहते थे। ये एक गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 

सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने अदालत को अन्य कई जानकारियां भी दीं। विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि सिसोदिया सारे घोटाले के मास्टरमाइंड थे। ब्लेकलिस्टेड फर्म इंडोस्प्रिट को लाइसेंस दिया गया क्योंकि सिसोदिया उसको शामिल करने की पुरजोर वकालत कर रहे थे। उनकी लाबिंग के बाद इस फर्म को आखिरकार लाइसेंस दे दिया गया।

Web Title: Delhi Rouse Avenue Court sent Manish Sisodia to Judicial Custody till April 5

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