दिल्ली: हल्की बारिश के बावजूद प्रदूषण से राहत नहीं, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 3, 2019 08:23 AM2019-11-03T08:23:02+5:302019-11-03T08:23:02+5:30
Delhi Pollution: दिल्ली में शनिवार रात से हल्की बारिश के बावजूद रविवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर में बनी रही
प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीरआर में शनिवार रात से ही हल्की बारिश हो रही है, लेकिन इसके बावजूद यहां रविवार को कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) का स्तर 'गंभीर श्रेणी' में बना हुआ है।
एनआई के मुताबिक, रविवार को बवाना में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 492, आईटीओ क्रॉसिंग में 487 और अशोक विहार में 482 रहा। ये तीनों वायु गुणवत्ता की 'गंभीर श्रेणी' है।
रविवार को भी दिल्ली में AQI गंभीर श्रेणी में
वहीं रविवार को दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वसुंधरा में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 486 और इंदिरापुरम में 482 रहा, जोकि गंभीर श्रेणी में है।
शनिवार को दिल्ली प्रदूषण से जूझती रही और यहां का ओवलऑल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 401 रहा, जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीरआए), गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में AQI क्रमश: 459 और 452 रहा।
Delhi: Bawana at 492, ITO crossing at 487 and Ashok Vihar at 482 on Air Quality Index. All three in 'Severe' category. #DelhiAirQuality (file pic) pic.twitter.com/F0kAfkDdKg
— ANI (@ANI) November 3, 2019
Ghaziabad: Vasundhara at 486 and Indirapuram at 482 on Air Quality Index. (file pic) pic.twitter.com/venl46UbqD
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2019
Delhi receives mild showers, visuals from INA flyover. pic.twitter.com/6fvSTFu4SG
— ANI (@ANI) November 3, 2019
प्रदूषण की मार को देखते हुए दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी लगाते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया है। प्रदूषण की मार कम करने के लिए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है, लेकिन इससे कोई खास राहत मिलती नहीं मिल पाई है।
दिल्ली प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार और पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकारों पर उनके राज्य के किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर रोकथाम लगाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
तो वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा है कि अगर उनकी सरकार ने 1500 करोड़ विज्ञापनों पर खर्च करने के बजाय किसानों को दिए होते तो ये ज्यादा फायदेमंद होता।