दिल्ली पुलिस ने 26-27 नवंबर को शहर में किसानों के प्रदर्शन के अनुरोधों को खारिज किया

By भाषा | Published: November 25, 2020 09:56 PM2020-11-25T21:56:05+5:302020-11-25T21:56:05+5:30

Delhi Police rejects requests for demonstration of farmers in the city on 26-27 November | दिल्ली पुलिस ने 26-27 नवंबर को शहर में किसानों के प्रदर्शन के अनुरोधों को खारिज किया

दिल्ली पुलिस ने 26-27 नवंबर को शहर में किसानों के प्रदर्शन के अनुरोधों को खारिज किया

नयी दिल्ली, 25 नवंबर दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है।

पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत शहर को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों के जरिए किसानों के 26 नवंबर को दिल्ली आने का कार्यकम है।

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह के किसी भी जमावड़े के लिए अनुरोधों को खारिज कर दिया गया है ।

पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) ने ट्वीट किया, ‘‘26 और 27 नवंबर को दिल्ली आने वाले किसान संगठनों के लिए सूचना...दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले अनुरोधों को खारिज कर दिया गया है और इस बारे में आयोजकों को पहले ही अवगत करा दिया गया है। ’’

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘कृपया दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करें और कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली में जमावड़ा ना करें । ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा, ‘‘विभिन्न किसान संगठनों ने 26 और 27 दिसंबर को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए अनुमति देने का आग्रह किया था। हमने उन्हें पत्र के जरिए और विभिन्न माध्यम से बता दिया है कि डीडीएमए के हालिया दिशा-निर्देश के मद्देनजर प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।’’

सिंघल ने कहा, ‘‘हालात ठीक होने पर वे अनुमति के लिए अनुरोध कर सकते हैं और अनुमति के बाद दिल्ली में प्रदर्शन कर सकते हैं। फिलहाल उनसे दिल्ली पुलिस से सहयोग करने और किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने का आग्रह किया जाता है । इसके बावजूद अगर वे दिल्ली आएंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ’’

कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर दबाव बनाने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने हाथ मिलाया है और एक संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया है ।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जसमीत सिंह ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान मुख्य रूप से गाजीपुर बॉडर, चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर होगा। वहां पर पहले से ही पुलिस की भारी तैनाती है और लगातार जांच की जा रही है। अर्द्धसैन्य बल भी तैनात हैं । पुलिस जिले की अन्य सीमाओं पर भी तैनात रहेगी।’’

प्रदर्शन को 500 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन मिला है । मोर्चा के संचालन में समन्वय बनाने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनायी गयी है ।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) आर पी मीणा ने बताया, ‘‘हमने जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में बल की तैनाती की है । अर्द्धसैन्य बल की आठ कंपनियां भी सीमा पर पुलिस को सहयोग कर रही है। ’’

किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कारोबारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त गौरव शर्मा और द्वारका के पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार ने भी अपने-अपने इलाकों में पुलिस की भारी तैनाती की बात कही।

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Web Title: Delhi Police rejects requests for demonstration of farmers in the city on 26-27 November

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