दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर किसान नेता दर्शन पाल समेत सभी आरोपी को जारी किया लुक आउट नोटिस, 57 दिन बाद खुला चिल्ला बॉर्डर
By अनुराग आनंद | Published: January 28, 2021 07:16 AM2021-01-28T07:16:00+5:302021-01-28T11:46:32+5:30
मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था।
नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर बुधवार को किसान नेता दर्शन पाल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हिंसा को "सबसे निंदनीय और राष्ट्र विरोधी कृत्य" करार देते हुए पाल से तीन दिनों के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा।
इसके साथ ही ताजा जानकारी यह है कि सभी किसान नेता जिनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है, उनको लेकर दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय के निर्देश पर लुक आउट नोटिस जारी किया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि 26 जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे और उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा । नोटिस में ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित शर्तों के उल्लंघन का भी हवाला दिया गया है।
पुलिस ने पाल को दिए नोटिस में कहा कि रैली के लिए नियमों और शर्तों पर परस्पर सहमति जताने के बावजूद पाल और अन्य किसान नेताओं ने कल बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम किया। पुलिस ने क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख पाल से यह भी कहा कि वह अपने संगठन से जुड़े दोषी लोगों के नाम बताएं जो हिंसा में शामिल थे।
भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना धरना वापस लिया, 57 दिनों बाद चिल्ला बॉर्डर खोला गया-
नये कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया। दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है।
वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया।
भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था
मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था। भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं। ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि 58 दिनों से जारी चिल्ला बॉर्डर का धरना वह खत्म कर रहे हैं।
इस बाबत पूछने पर अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरना स्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं।
(एजेंसी इनपुट)