संत रविदास मंदिर मामला: चंद्रशेखर आजाद को किया अरेस्ट, भीम आर्मी का दावा-दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं
By स्वाति सिंह | Published: August 22, 2019 08:14 AM2019-08-22T08:14:32+5:302019-08-22T08:21:38+5:30
बीते दिनों हाईकोर्ट के आदेश पर डीडीए 10 अगस्त को संत रविदास का एक मंदिर गिरा दिया था। इसके बाद से प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों से आए प्रदर्शनकारी 'जय भीम' के नारे लगा रहे थे।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार देर रात भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को गिरफ्तार किया है। दरअसल, दक्षिण दिल्ली में संत रविदास का एक मंदिर गिराए जाने के खिलाफ दलितों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े तथा 'हल्का लाठीचार्ज' किया।
गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 353, 332 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। अन्य प्रदर्शनकारी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस प्रदर्शन में दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और इस समुदाय के आध्यात्मिक नेता मौजूद थे।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। दलित संगठन भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं।
प्रदर्शनकारियों ने उस स्थल तक मार्च किया और इस दौरान एक समूह हिंसक हो गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हल्का लाठीचार्ज किया।
इससे पहले दिन में हजारों दलितों ने मध्य दिल्ली के झंडेवालान में आम्बेडकर भवन से रामलीला मैदान तक मार्च किया। वे तुगलकाबाद क्षेत्र में रविदास मंदिर को गिराए जाने का विरोध कर रहे थे।प्रदर्शनकारी बसों और ट्रेनों से देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे।
Delhi Police: Bhim Army Chief, Chandrashekhar Azad was arrested, yesterday. An FIR has been registered under IPC sections 147, 149, 186, 353, 332 at Govindpuri police station. Other protestors are also in police custody, further investigation underway. pic.twitter.com/EMDKwylkjI
— ANI (@ANI) August 22, 2019
बता दें कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने हाईकोर्ट के आदेश पर 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों से आए प्रदर्शनकारी 'जय भीम' के नारे लगा रहे थे।
उन्होंने सरकार से मांग की कि संबंधित जमीन दलित समुदाय को सौंप दी जाए और मंदिर दोबारा बनवाया जाए। यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है क्योंकि कई राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद के संबंधित स्थल पर या किसी अन्य वैकल्पिक स्थल पर मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं। इसी मुद्दे पर 13 अगस्त को पंजाब में दलित समुदाय ने प्रदर्शन किया था।