फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी देने के नाम पर हजारों लोगों को ठगा, एक महीने में कमाए 1.09 करोड़ रुपये, पांच गिरफ्तार
By विनीत कुमार | Published: November 6, 2020 10:40 AM2020-11-06T10:40:26+5:302020-11-06T10:47:05+5:30
फर्जी वेबसाइट बनाकर हजारों लोगों से नौकरी देने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने इसका भांडाफोड़ किया है। पिछले एक महीने में ही इन ठगों ने एक करोड़ से अधिक रुपये नौकरी दिलाने के झांसे के नाम पर कमाया।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पांच संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नौकरी दिलाने के नाम पर ये रैकेट पिछले कई दिनों से देश की राजधानी में सक्रिय था। ये रैकेट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम पर अब तक करीब 27000 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका था।
यही नहीं, रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पैसे वसूलते हुए एक महीने में इस रैकेट ने 1.09 करोड़ रुपये की कमाई भी की है। पुलिस ने बताया कि नौकरी के नाम पर झांसा देने के रैकेट के मामले में ये अब तक के सबसे बड़े मामलों में से एक है, जिसका भांडाफोड़ हुआ है।
नौकरी देने के नाम पर कैसे करते थे फर्जीवाड़ा
कोविड संकट के इस दौर में कई लोगों की नौकरी गई है और वे नया काम तलाश रहे हैं। नौकरी के नाम पर धोखा देने वाले ये लोग एक केंद्र चलाते थे जो पूरी तरह से वैध था।
इसमें ये सरकारी और निजी एजेंसियों के लिए ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित करते थे। इनके पास नौकरी पाने की कोशिश कर रहे कई लोगों के व्यक्तिगत डेटा भी मौजूद थे। इसी का फायदा उठाकर ये उन्हें नौकरी की पेशकश वाले एसएमएस भी भेजते थे।
इस गिरोह ने एक महीने में करीब 15 लाख मैसेज भेजे। इसमें दो फर्जी वेबसाइट के लिंक होते थे, जिस पर उम्मीदवारों को 13000 वैकेंसी की बात कहते हुए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जाता था। इस वैकेंसी में
एकाउंटेंट, डेटा एंट्री ऑपरेटर, नर्सिंग, एम्बुलेंस ड्राइवर जैसे पद शामिल थे।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साइबर सेल) के अनीश राय के अनुसार, 'ये वेबसाइट इतने अच्छे तरीके से डिजाइन किए गए थे कि कुछ न्यूज और नौकरी की सूचना देने वाले पोर्टल भी इसे सच समझते थे और इस वेबसाइट की जानकारियां साझा करते थे।'
www.sajks.org और www.sajks.com के नाम से फर्जी वेबसाइट
पुलिस के अनुसार ये वेबसाइट www.sajks.com और www.sajks.org के नाम से चलाई जाती थी। इसमें लिखा गया था कि ये वेबसाइट स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के तहत आते हैं। हालांकि, अब ये वेबसाइट इस्तेमाल में नहीं हैं।
नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला पिछले महीने पुलिस की नजर में आया था जब एक उम्मीदवार ने दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में शिकायत की। उसने बताया कि उसने रजिस्ट्रेशन फी के तौर पर 500 रुपये जमा कराए लेकिन कोई नौकरी उसे नहीं मिली।
चूकी रजिस्ट्रेशन फीस हमेशा 100 से 500 रुपये के बीच ही होती थी, इसलिए फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों को लग रहा था कि कोई इतनी मामली रकम के लिए पुलिस के पास नहीं जाएगा। बहरहाल, पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी थी। पुलिस को फिर पता चला कि एक बैंक अकाउंट हरियाणा के हिसार में खुलवाया गया था।
पुलिस को ये भी पता चला कि हर दिन इस अकाउंट से पैसे एटीएम के जरिए निकाले जा रहे थे। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और हिसार के एक एटीएम के बाहर से पैसे निकालते एक आरोपी 27 साल के अमनदीप खेतकरी को पकड़ लिया। इसके बाद चार अन्य पकड़े गए।