दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाक के उप उच्चायुक्त को किया तलब, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो अफसर लापता
By सुमित राय | Published: June 15, 2020 04:44 PM2020-06-15T16:44:59+5:302020-06-15T17:09:19+5:30
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के साथ काम करने वाले दो भारतीय अधिकारी लापता होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया।
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो अफसरों के लापता होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया। जिसके बाद सोमवार को पाक उप उच्चायुक्त दिल्ली में विदेश मंत्रालय पहुंचे।
बता दें कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के साथ काम करने वाले दो भारतीय अधिकारी लापता हैं। दोनों अधिकारी सुबह करीब 8 बजे से लापता हैं। इसके बाद विदेश मंत्रालय हरकत में आ गया है।
ये मामला हाल में उस विवाद के बाद सामने आया है जिसके तहत भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इस घटना के बाद पाकिस्तान ने भारत के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताने के लिए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को इस महीने की शुरुआत में तलब किया था।
भारत ने तब पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था। बाद में ये बात सामने आई थी कि पाकिस्तान के दो अधिकारियों की मंशा रेलगाड़ियों से सेना की इकाइयों की आवाजाही का विस्तृत ब्यौरा हासिल करने की थी।
Delhi: Pakistan's Charge d'affaires to India arrives at MEA on being summoned by the Ministry, after two Indian officials working with Indian High Commission in Islamabad (Pakistan) went missing. pic.twitter.com/L3oySdrejo
— ANI (@ANI) June 15, 2020
जासूसी विवाद के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है। ऐसी भी रिपोर्ट्स हाल में सामने आई हैं कि पाकिस्तान हाल के कदम से बौखलाया हुआ है और ऐसे में भारत के उच्चायोग के लिए सामान्य तरीके से काम करना मुश्किल होता जा रहा है। कुछ दिन पहले भी भारतीय राजनयिकों का पाकिस्तान में छिप-छिपकर पीछा किये जाने की बात सामने आई थी।
पाकिस्तान के अधिकारी करते थे जासूस
मध्य दिल्ली के करोल बाग से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिथले महीने के आखिर में दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को पकड़ा था। वे पैसे के बदले एक भारतीय नागरिक से भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि हुसैन कई फर्जी पहचान के माध्यम से काम करता है और संगठनों एवं विभागों के लोगों को लालच देता है। उसने भारतीय रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति से संपर्क साधने के लिए खुद को मीडियाकर्मी का भाई गौतम बताया।
ये दोनों पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा शाखा में काम करते थे और पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि दस्तावेज मुहैया कराने के लिए दोनों अधिकारी उस व्यक्ति को भारतीय मुद्रा और आईफोन दे रहे थे।