एनडीटीवी की पूर्व एंकर निधि राजदान को नहीं मिला था हार्वर्ड से ऑफर, साइबर फ्रॉड की शिकार
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 15, 2021 06:41 PM2021-01-15T18:41:00+5:302021-01-15T18:42:15+5:30
एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने कहा कि मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था।
नई दिल्लीः एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राजदान के साथ ऑनलाइन धोखा हुआ है। ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी
राजदान ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी की पेशकश की गई थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, "मैं एक बहुत बड़े फिशिंग हमले का शिकार हुई हूं।" उन्होंने इसके साथ ही ट्विटर पर अपने एक बयान की प्रति शेयर की है और लिखा है कि ''अब मैं सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं शेयर करूंगी।''
I am sorry babu. 🙂🙂🙂 https://t.co/iW6qSF7I7V
— Harvard University (@havarduni) January 15, 2021
उन्होंने कहा कि उनके पास हार्वर्ड से कोई ऑफर आया ही नहीं था। गौरतलब है कि पिछले साल निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर ही बताया था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की जॉब का ऑफर आया है और वह एनडीटीवी की नौकरी छोड़कर इस असाइनमेंट को ले रही हैं।
हालांकि, अब पता चला है कि ऐसा कोई ऑफर उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से आया ही नहीं था बल्कि वह फिशिंग की शिकार हुई हैं। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और ईमेल के जरिए हुए कम्युनिकेशन की डीटेल्स पुलिस के साथ-साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच के लिए सौंपी है।
Some personal and professional news: after 21 years at NDTV, I am changing direction and moving on. Later this year, I start as an Associate Professor teaching journalism as part of Harvard University’s Faculty of Arts and Sciences 1/n
— Nidhi Razdan (@Nidhi) June 13, 2020
निधि ने पोस्ट में आगे लिखा है, 'लगातार हो रहे देर के बीच मेरे नोटिस में कई सारी प्रक्रियागत विसंगतियां आईं। शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल हैं पर हाल ही में जो कुछ हुआ वो ज्यादा परेशान करने वाला था। इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।"