केजरीवाल के 'एलजी कौन है' का उपराज्यपाल ने दिया जवाब, भारत के संविधान को लेकर कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: January 20, 2023 01:12 PM2023-01-20T13:12:09+5:302023-01-20T13:13:25+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि उनके खिलाफ सीएम के कई बयान 'असत्य और अपमानजनक' हैं और 'बेहद निम्न स्तर की बयानबाजी' पर उतर आए हैं'।

केजरीवाल के 'एलजी कौन है' का उपराज्यपाल ने दिया जवाब, भारत के संविधान को लेकर कही ये बात
नई दिल्ली: दो दिन पहले विधानसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा था कि एलजी कौन है और वह कहां से आए हैं।
शुक्रवार को इसका जवाब देते हुए एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, "एलजी कौन है और वह कहां से आए, जैसे सवालों का जवाब दिया जा सकता है, अगर आपने भारत के संविधान के संदर्भ में पूछा होता, लेकिन ऐसे लोगों को इसका जवाब नहीं दिया जा सकता, जो 'बेहद निम्न स्तर की बयानबाजी' पर उतर आए हैं।"
एलजी सक्सेना ने अपने पत्र में दिल्ली विधानसभा और उसके बाहर केजरीवाल के बयानों को उनके खिलाफ "काफी भ्रामक, असत्य और अपमानजनक" करार दिया। कई मुद्दों पर दिल्ली सरकार के मामलों में उनके कथित हस्तक्षेप पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने राज निवास तक एक मार्च का नेतृत्व करने से पहले सदन में अपने संबोधन के दौरान सक्सेना पर संवैधानिक अतिक्रमण का आरोप लगाया था और मांग की थी कि एलजी उनसे और आप के 61 अन्य विधायकों से मिलें।
सक्सेना ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों के साथ उनसे मुलाकात करने के बहाने की आड़ में बैठक में नहीं आए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने बेहद कम वक्त में अचानक अपने सभी विधायकों के साथ बैठक किए जाने की मांग की, लेकिन एक बार में 70 से 80 लोगों से मुलाकात करना संभव नहीं था और न ही इसका कोई ठोस परिणाम निकल पाता।
एलजी सक्सेना ने कहा, "दुर्भाग्य से आपने सुविधाजनक राजनीतिक ढोंग किया कि एलजी ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया है।" उन्होंने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, "मैं यहां बता दूं कि मुझे यह जानकर बहुत अचरज हुआ कि शहर विकास से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन फिर भी आपको मुझसे मुलाकात करके मुद्दे को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के बजाय लंबा मार्च निकालने और प्रदर्शन करने का वक्त मिल गया।"
सक्सेना ने यह भी कहा कि वह केजरीवाल के "प्रधानाध्यापक" के रूप में नहीं, बल्कि भारत के संविधान से निकली लोगों की "सौम्य, लेकिन कर्तव्यनिष्ठ आवाज" के रूप मे काम कर रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने "बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना" मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए उपराज्यपाल के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि "वह (सक्सेना) मेरे प्रधानाध्यापक" नहीं हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)