दिल्लीः केजरीवाल सरकार ने नॉर्थ एमसीडी पर लगाया 50 लाख का जुर्माना, भलस्वा लैंडफिल साइट आग की घटना में मिली लापरवाही
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 28, 2022 09:08 PM2022-04-28T21:08:39+5:302022-04-28T21:09:35+5:30
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने भलस्वा कूड़ा डलान स्थल पर आग को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाने और लापरवाही बरतने के मामले में उत्तर दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्लीः भलस्वा लैंडफिल साइट में लगी आग के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नॉर्थ एमसीडी पर डीपीसीसी को 50 लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। डीपीसीसी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर यह निर्देश जारी किए गए हैं।
रिपोर्ट के माध्यम से कई निर्णय भी मंत्रालय द्वारा एमसीडी के लिए जारी किए गए हैं। इनमे कूड़े के पहाड़ के ऊपर स्थायी रूप से टैंकर स्टेशन बनाना, सुगम परिवहन के लिए पेरीफेरल सड़क का निर्माण करना और फील्ड स्टाफ की संख्या में बढ़ोतरी करना जैसे निर्णय शामिल हैं।
डीपीसीसी, ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी की 4 सदस्यीय टीम को इसके स्थाई समाधान के लिए 2 मई को मुंबई जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह टीम मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम के बारे में जानकारी लेगी। गोपाल राय ने डीपीससी द्वारा सौंपी गई भलस्वा लैंडफिल साइट में लगी आग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नॉर्थ एमसीडी की लापरवाही का ही नतीजा रहा की भलस्वा लैंडफिल साइट इतनी भीषण आग की चपेट में आ गई।
रिपोर्ट के अनुसार भलस्वा लैंडफिल साइट में 26 अप्रैल को आग लगनी शुरू हुई और एमसीडी की लापरवाही, साथ ही उचित टैंकर की व्यवस्था नहीं होने के कारण लगभग 1 एकड़ एरिया आग की चपेट में आ गया हैं। उन्होंने बताया कि नॉर्थ एमसीडी कि लापरवाही को देखते हुए, डीपीसीसी को 50 लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके उसके लिए भलस्वा के कूड़े के पहाड़ पर पानी की अपर्याप्त व्यवस्था को देखते हुए लैंडफिल साइट के ऊपर वॉटर टैंकर स्टेशन बनाने और फील्ड स्टाफ को बढ़ाने के निर्देश भी जारी किये गए हैं। पहाड़ पर सुगम परिवहन के लिए चारों ओर से पेरीफेरल सड़क बनाने के आदेश भी जारी किए गए हैं। ताकि ऐसी घटनाओं के वक्त जल्द जल्द से कार्यवाही की जा सकें।
डीपीसीसी, ईस्ट एमसीडी और नार्थ एमसीडी की 4 सदस्यीय टीम जाएगी मुंबई
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रिपोर्ट के बारे में आगे बताया कि इन कूड़े के पहाड़ों से लगातार निकल रही मीथेन गैस, दिल्ली में बढ़ रहा तापमान और शुष्क वायुमंडल लैंडफिल साइट्स में लगातार लग रही आग के मुख्य कारणों में शामिल हैं।
स्थायी समाधान के रूप में लगातार निकल रही मीथेन गैस को नियंत्रित करने के लिए मुंबई के गैस सकिंग मॉडल को अपनाने के लिए भी निर्देश जारी किया गया है। जिसकी फील्ड विजिट के लिए 2 मई को डीपीसीसी और ईस्ट एवं नार्थ एमसीडी की 4 सदस्यीय टीम मुंबई दौरे के लिए जाएंगे। इनमें डीपीसीसी से वरिष्ठ पर्यावरण इंजीनियर डी के सिंह और पर्यावरण इंजीनियर राजीव शर्मा शामिल हैं।