दिल्ली में ऑटो-रिक्शा किराये में बढ़ोतरी आज से लागू, जानें कितान महंगा हुआ किराया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2019 08:19 AM2019-06-18T08:19:37+5:302019-06-18T08:19:37+5:30
ऑटो के किराये में बढ़ोतरी विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले की गई है। इसका असर शहर में चलने वाले 90,000 से ज्यादा ऑटो रिक्शा वालों पर पड़ेगा, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में‘आप’ का जमकर समर्थन किया था।
दिल्ली सरकार ने तकरीबन छह साल बाद ऑटो -रिक्शा का किराया बढ़ाने का फैसला आज (18 जून) से लागू किया जाएगा। दिल्ली में करीब 90 हजार ऑटो-रिक्शा वाले हैं। दिल्ली के परिवहन विभाग के मुताबिक, किराये में 18.75 फीसदी की बढ़ोतरी को लागू किया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, यात्रियों को अब पहले डेढ़ किलोमीटर के लिए 25 रुपये देने होंगे जो अबतक शुरू के दो किलोमीटर के लिए थे। यानी आप जो पहले 25 रूपये में 2 किलोमीटर जा सकते थे अब डेढ़ किलोमीटर ही जा सकेंगे। इसके अलावा, प्रति किलोमीटर दर भी आठ रुपये से बढ़ाकर साढ़े नौ रुपये कर दी गई है। यह किराये में करीब 18.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने अपनी अधिसूचना में कहा कि यह आम जनता और ऑटो रिक्शा ऑपरेटरों की जानकारी के लिए है कि राष्ट्रीय राजधानी में तत्काल प्रभाव से ऑटो रिक्शा के भाड़े में संशोधन किया जा रहा है।
Delhi: Hike in auto-rickshaw fare comes into force today. Metre-down charge will be ₹25 for first 1.5 km, instead of existing 2 km; per km charge has been increased from ₹8 to ₹9.5, extra ₹7.50 for luggage, waiting charge is ₹0.75 per minute if auto gets caught up in traffic
— ANI (@ANI) June 18, 2019
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि नयी दर से किराया वसूलने के लिए ऑटो के मीटरों को ‘री-कैलिब्रेटिड’ किया जाएगा, जिसमें करीब डेढ़ महीना लगेगा और तब तक ऑटो वाले भाड़े की नयी दरों के हिसाब से किराया वसूलेंगे। सरकार ने प्रतीक्षा शुल्क 0.75 रुपये प्रति मिनट तय किया है। भले ही ऑटो यातायात सिग्नल पर फंसा हो, यह शुल्क देना होगा। सामान शुल्क साढ़े सात रुपये होगा।
ऑटो के किराये में बढ़ोतरी विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले की गई है। इसका असर शहर में चलने वाले 90,000 से ज्यादा ऑटो रिक्शा वालों पर पड़ेगा, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में‘आप’ का जमकर समर्थन किया था। अब 'आप' की सरकार ने विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार के इस फैसले को उनका वोटबैंक हासिल करने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है। (पीटीआई इनपुट के साथ)