स्पाइसजेट की उड़ानों के संचालन को रोकने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने किया खारिज, कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: July 18, 2022 01:35 PM2022-07-18T13:35:00+5:302022-07-18T13:35:52+5:30
पिछले कुछ समय से एयरलाइन स्पाइसजेट चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट से विमानन कंपनी को बड़ी राहत मिली है है। दरअसल, कोर्ट द्वारा स्पाइसजेट की सभी उड़ानों के संचालन को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया गया है।
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को विमानन कंपनी स्पाइसजेट के उड़ान संचालन को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका स्पाइसजेट की उड़ानों में तकनीकी खराबी की कई घटनाओं के बाद आई है। हाई कोर्ट ने कहा कि डीजीसीए ऐसे मुद्दों को देखने और उचित समझे जाने वाले किसी भी निर्णय को लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी है।
कोर्ट ने कहा कि डीजीसीए बहुत काम कर रहा है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत देने का कोई कारण नहीं है। अदालत एक जनहित याचिका और प्रेस क्लिपिंग के आधार पर किसी विशेष एयरलाइन को देश में संचालित करने से नहीं रोक सकती है। याचिकाकर्ता राहुल भारद्वाज ने अपने चार साल के बेटे के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और अन्य को एक विशेष फास्ट ट्रैक आयोग गठित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की। मांग में कहा गया कि सभी सुरक्षा उपायों का पालन नहीं होने तक स्पाइसजेट को उड़ान भरने से रोका जाए।
उन्होंने स्पाइसजेट की उड़ानों के साथ हुई हालिया घटनाओं का हवाला दिया। विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने छह जुलाई को स्पाइसजेट को पिछले 18 दिनों में आठ खराबी की घटनाओं के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने कहा कि स्पाइसजेट विमान नियम 1937 के तहत सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने में विफल रही है।
नोटिस में ये भी कहा गया कि सितंबर 2021 में स्पाइसजेट के डीजीसीए के ऑडिट में पाया गया कि घटक आपूर्तिकर्ताओं को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा था, जिससे स्पेयर पार्ट्स की कमी हो गई। डीजीसीए ने नोटिस का जवाब देने के लिए एयरलाइन को तीन सप्ताह का समय दिया है।
इस बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पिछले कुछ हफ्तों में मंत्रालय को बताए गए सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की गई। सिंधिया ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं है और यह कि सुरक्षा सर्वोपरि है।