दिल्ली उच्च न्यायालय ने जाइडस के कॉम्प्लान विज्ञापन के प्रसारण पर लगाई रोक, जानें क्या है मामला
By भाषा | Published: May 15, 2020 12:32 AM2020-05-15T00:32:22+5:302020-05-15T00:32:22+5:30
उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा कि यह विज्ञापन प्रतिद्वंद्वी कंपनी के उत्पाद को नीचा दिखाने वाला है। इस टीवी विज्ञापन में दावा किया गया है कि एक कप कॉम्प्लान दो कप हॉर्लिक्स के बराबर है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कंपनी जाइडस वेलनेस के कॉम्प्लान विज्ञापन के प्रसारण पर रोक लगा दी है। इस विज्ञापन में कॉम्प्लान की तुलना हॉर्लिक्स से की गई है।
उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा कि यह विज्ञापन प्रतिद्वंद्वी कंपनी के उत्पाद को नीचा दिखाने वाला है। इस टीवी विज्ञापन में दावा किया गया है कि एक कप कॉम्प्लान दो कप हॉर्लिक्स के बराबर है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि हॉर्लिक्स ने इस टीवी विज्ञापन के खिलाफ अंतरिम आदेश देने के लिए प्रथम दृष्टया मामला रखा है। साथ ही इसमें कॉम्प्लान और हॉर्लिक्स को पेश करने के आकार पर कोई वॉयस ओवर नहीं है। साथ ही इसे पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता।
उच्च न्यायालय ने कहा कि टीवी दर्शकों को सिर्फ छह सेकेंड का विज्ञापन दिखता है जिसमें एक कप कॉम्प्लान की तुलना हॉर्लिक्स से की गई है। इसमें कप के आकार के बारे में नहीं बताया गया है।
अदालत ने कहा कि ऐसे में जो भी इस विज्ञापन को देखेगा वह भ्रमित हो जाएगा। इससे हॉर्लिक्स को नुकसान होगा।
उच्च न्यायालय ने मौजूदा रूप में इस विज्ञापन के प्रसारण पर रोक लगा दी है। यह रोक तब तक रहेगी, जब तक हॉर्लिक्स द्वारा दायर अपील का निपटान नहीं हो जाता।
सुनवाई के दौरान जाइडस ने कहा कि इस विज्ञापन का मकसद उपभोक्ताओं को यह बताना है कि एक कप कॉम्प्लान (33 ग्राम) में प्रोटीन की मात्रा हॉर्लिक्स के पैक पर दर्शाए गए 27 ग्राम के दो कप के बराबर है।