दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया सुझाव, तय होना चाहिए डॉक्टरों के कामकाज का घंटा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 12, 2018 09:02 PM2018-07-12T21:02:40+5:302018-07-12T21:02:57+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इसका मापदंड डॉक्टरों और मरीजों के अनुपात से तय होना चाहिए।
नई दिल्ली, 12 जुलाई: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज डॉक्टरों के पक्ष में सुनवाई करते हुए कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों के कामकाज का समय तय हो। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि इसका मापदंड डॉक्टरों और मरीजों के अनुपात से तय होना चाहिए। एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुझाव दिया है। बता दें कि डॉक्टरों के देर तक काम करने को लेकर सवाल उठे थे।
इससे पहले बता दें कि एक प्राइवेट बॉडी ने कहा कि डॉक्टर काफी देर तक काम करते हैं और डॉक्टर-मरीज का कोई निर्धारित अनुपात भी नहीं है। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) के अधीन प्राइवेट बॉडी नैशनल एक्रिडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिट्ल्स (NABH) ने कोर्ट को बताया कि उसने जिन तीन अस्पतालों का इंस्पेक्शन किया है वहां बहुत भीड़ थी और डॉक्टर के ज्यादातर पद खाली थे। इस बोर्ड को तीन अस्पतालों की हेल्थ क्वॉलिटी के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अदालत ने डॉक्टरों पर हमले में वृद्धि संबंधी खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका के रुप में लिया और उस पर सुनवाई कर रही है।
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