दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा-शिक्षकों के वेतन के लिए उत्तरी निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए
By भाषा | Published: August 11, 2020 05:08 PM2020-08-11T17:08:51+5:302020-08-11T17:08:51+5:30
उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों की तरफ से अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद इस जनहित याचिका को शुरू किया था। शिक्षक संघ की याचिका में अधिकारियों को वेतन का भुगतान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया था जो मार्च से बकाया है।
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय को दिल्ली सरकार ने सूचित किया कि उसने नौ हजार शिक्षकों को जुलाई व अगस्त की तनख्वाह देने के लिए उत्तर दिल्ली नगर निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि उसने शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने के लिए निगम को पिछले साल खर्च नहीं हो सकी 18.071 करोड़ रुपये की राशि का भी इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमनियम प्रसाद की पीठ स्वतः संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह जनहित याचिका उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भुगतान नहीं की गई तनख्वाह की अदायगी के संबंध में शुरू की थी।
उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों की तरफ से अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद इस जनहित याचिका को शुरू किया था। शिक्षक संघ की याचिका में अधिकारियों को वेतन का भुगतान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया था जो मार्च से बकाया है।
मार्च में ही राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। पीठ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा योजना के तहत चूंकि दिल्ली सरकार ने उत्तर दिल्ली नगर निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं, इसलिये नगर निकाय सुनिश्चित करे कि मई के बाद से शिक्षकों की बकाया तनख्वाह का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए।
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान के अलावा उत्तर दिल्ली नगर निगम उसके द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने के लिए कोष उपलब्ध कराके योगदान दे। पीठ ने नगर निकाय के अधिकारियों को दो हफ्तों में नई स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले को एक सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।