निर्भया गैंगरेप केसः दोषी अक्षय बार-बार मांग रहा दया की भीख, दाखिल किया नई याचिका, जानें अब क्या दे रहा दलील
By गुणातीत ओझा | Published: February 29, 2020 04:13 PM2020-02-29T16:13:46+5:302020-02-29T16:13:46+5:30
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में सभी दोषियों को तीन मार्च को फांसी होनी है। सजा से बचने के लिए दोषी तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं।
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा तय होने के बाद दोषियों का डर बार-बार सामने आ रहा है। आज शनिवार को दोषी अक्षय ने कोर्ट में नई दया याचिका दाखिल की है। इस याचिका में अक्षय ने कहा है कि कोर्ट में पहले दाखिल की गई याचिका में सभी तथ्य नहीं थे। कोर्ट ने इससे पहले अक्षय की दया याचिका को खारिज कर दिया था। निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी। कोर्ट सभी दोषियों का डेथ वारंट जारी कर चुकी है।
2012 Delhi gangrape case: One of the convicts, Akshay has moved mercy petition claiming that his earlier petition that was dismissed did not have all the facts. pic.twitter.com/RArzA5mUjZ
— ANI (@ANI) February 29, 2020
वहीं, दोषी पवन कुमार गुप्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पवन कुमार की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। पवन की याचिका पर जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी। पवन ने अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा में बदलने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है।
Supreme Court's five-judge bench, headed by Justice N V Ramana, to hear on Monday the curative petition filed by Pawan Kumar Gupta, one of the four death row convicts in the 2012 Delhi gangrape case. Pawan has sought to commute his death sentence to life imprisonment. pic.twitter.com/Vs83a2tlDb
— ANI (@ANI) February 29, 2020
पवन कुमार गुप्ता को भी तीन अन्य मुजरिमों के साथ तीन मार्च को सवेरे छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये सत्र अदालत ने मृत्यु वारंट जारी किया है। पवन कुमार गुप्ता के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने सुधारात्मक याचिका में कहा है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए। पवन चारों मुजरिमों में अकेला है जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर करने और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था। दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में छह व्यक्तियों ने चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी हालत में उसे सड़क पर फेंक दिया था।
निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निधन हो गया था। इस सनसनीखेज अपराध के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधारगृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।