दिल्ली चुनाव: 1.46 करोड़ मतदाता कल 70 सीट पर करेंगे मतदान, 40,000 पुलिसकर्मी, CAPF की 190 कंपनियां तैनात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 7, 2020 08:24 PM2020-02-07T20:24:34+5:302020-02-07T20:24:34+5:30
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में करीब 40,000 सुरक्षाकर्मियों, होमगार्ड के 19,000 जवानों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 190 कंपनियां तैनात की गई हैं। उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बुलाए गए होमगार्ड के जवान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा में स्थानीय पुलिस की मदद करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को मतगणना होगी।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में करीब 40,000 सुरक्षाकर्मियों, होमगार्ड के 19,000 जवानों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 190 कंपनियां तैनात की गई हैं। उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बुलाए गए होमगार्ड के जवान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा में स्थानीय पुलिस की मदद करेंगे।
पुलिस ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के कारण विशेष अभियान के तहत 99,210 लीटर अवैध शराब, 774.1 किलो मादक पदार्थ जब्त किया गया है। इसके अलावा 504 गैरकानूनी हथियार जब्त किए गए हैं और 7,397 लाइसेंसी हथियार एहतियाती तौर पर जमा करवा लिए गए हैं।
दिल्ली चुनाव में लगभग 665 प्रत्याशी मैदान में हैं। अंतिम मतदाता सूची के अनुसार 1.46 करोड़ से अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। दिल्ली में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, आप और भाजपा के बीच है। आप कुल 70 सीट पर चुनावी मैदान में है। कांग्रेस और राजद में गठबंधन हुआ है। कांग्रेस जहां 66 सीट पर चुनाव मैदान में है, वहीं राजद 4 सीट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने जदयू और लोजपा से गठबंधन किया है। भाजपा 67, जदयू 2 और लोजपा एक सीट पर चुनाव मैदान में है। बसपा सहित कई अन्य दल भी भाग्य आजमा रहे हैं।
भाजपा ने शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को केंद्र में रख आक्रामक प्रचार अभियान किया। आम आदमी पार्टी ने जहां अपनी सरकार की बिजली, पानी और महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस यात्रा जैसे मुद्दों को जोर-शोर से सामने रखा तो वहीं कांग्रेस प्रचार अभियान में काफी पीछे नजर आई।
चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में इन तीनों मुख्य दलों ने मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), तुष्टीकरण की राजनीति तथा बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। चुनाव प्रचार आज शाम छह बजे संपन्न हो गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और हरिनगर तथा पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर में तीन रोडशो किए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली के अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में पदयात्रा की। भाजपा ने चुनाव प्रचार की शुरुआत राष्ट्रीय राजधानी के लिए केंद्र द्वारा किए गए विकास कार्य के साथ की थी, लेकिन बाद में यू-टर्न लेते हुए इसने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध की गई सड़क के मुद्दे को मुख्य मुद्दा बना दिया। भगवा पार्टी के चुनाव प्रचार में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैदान में उतर गए और दो रैलियों को संबोधित किया।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई रैलियों को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को लेकर आक्रामक प्रचार किया।
भगवा दल ने चुनाव प्रचार में अपने सांसदों और विधायकों को उतारने के साथ ही योगी के अतिरिक्त अपने शासन वाले कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान तब बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भीड़ से ‘गद्दारों को गोली मारने’ का नारा लगवाया।
वहीं, पार्टी के पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने भी शाहीन बाग को लेकर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया। निर्वाचन आयोग ने विवादित बयानों के चलते ठाकुर और वर्मा दोनों को क्रमश: 72 और 96 घंटे लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया तथा उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटवा दिया। वर्मा को बुधवार को दूसरी बार चुनाव प्रचार से रोक दिया गया। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया।
उन्होंने हालांकि, रैलियों की जगह रोडशो और जनसभाओं पर ध्यान केंद्रित किया। पार्टी ने वर्मा की ‘‘आतंकवादी’’ वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा के खिलाफ दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मौन जुलूस भी निकाला। आप ने घर-घर जाकर लोगों से कहा कि यदि वे केजरीवाल को ‘‘दिल्ली का बेटा’’ मानते हैं तो पार्टी को दिल्ली की सत्ता में पुन: लेकर आएं।
कांग्रेस के चुनाव प्रचार में भाजपा और आप जैसा जोश नहीं दिखा। हालांकि, मतदान के दिन नजदीक आने के साथ पार्टी सक्रिय हुई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को राजौरी गार्डन में एक रैली को संबोधित किया। वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार और बुधवार को जनसभाओं को संबोधित किया।
दिल्ली चुनाव : महिला मतदाताओं को सुरक्षा के अलावा और भी वादों की उम्मीद
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को रिझाने के लिए पसीना बहा रही हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं का मानना है कि चुनाव घोषणा पत्रों में पार्टियों को महिलाओं की सुरक्षा तक सीमित होने के बजाय उनके बारे में अधिक बात करनी चाहिए विभिन्न आयु वर्ग की वयस्क महिलाओं का मानना है कि राजनीतिक पार्टियां मानती हैं कि उन्हें महिला मतदाताओं से केवल उनकी सुरक्षा और यौन अपराधों की रोकथाम के बारे में बात करनी चाहिए।
हालांकि महिलाओं का कहना है कि उन्हें लैंगिक आधार पर नहीं सामान्य वोटर के तौर पर देखा जाना चाहिए। सरिता विहार में रहने वाली 32 वर्षीय आईटी पेशेवर शायना कालरा ने कहा, “ जब भी चुनाव होते हैं, वे (राजनीतिक पार्टियां) 'महिलाओं की सुरक्षा' पर अपनी उपलब्धियां बताने लगती हैं। क्या हम केवल सुरक्षा के लिए वोट बैंक का हिस्सा हैं जो वे देने में बुरी तरह से विफल हैं? क्या हमें पानी या बिजली या नौकरियों की जरूरत नहीं है?
सभी दलों ने हमारी मांगों का सामान्यकरण किया है।” मायापुरी में रहने वाली और घरेलू सहायिका रानी देवी (52) कहती हैं, “ सबको सुरक्षा चाहिए लेकिन ज़मीनी मुद्दों का क्या? हमें कम से कम अब बसों में निशुल्क यात्रा करने को मिल रही है। हम सुरक्षा के वादों का क्या करेंगे? हमें वो दीजिए जो बाकी लोगों को मिल रहा है।” एआरएसडी कॉलेज की छात्रा और मोती बाग निवासी रेखा गौतम (20) का कहना है कि यह वक्त है जब राजनीतिक पार्टियों को महिला मतदाताओं को अधिक परिपक्व महिलाओं के तौर पर देखना चाहिए, बजाय इसके कि वे उन्हें सुरक्षा का लोलीपॉप दें।”