दिल्ली: मोदी सरकार को आर्थिक मुद्दों पर घेरने की कांग्रेस की बड़ी तैयारी, रामलीला मैदान में 30 नवंबर को रैली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 16, 2019 02:03 PM2019-11-16T14:03:43+5:302019-11-16T14:08:05+5:30
इससे पहले कांग्रेस ने एक दिसंबर को रैली आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, अयोध्या के फैसले को देखते हुए पार्टी ने इसे स्थगित कर दिया था।
आर्थिक मुद्दों और खासकर अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को लेकर कांग्रेस पार्टी इस महीने के आखिर में रैली आयोजित करने जा रही है। ये रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में 30 नवंबर को आयोजित की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस ने एक दिसंबर को रैली आयोजित करने की घोषणा की थी।
हालांकि, अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ठीक पहले पार्टी ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर इसे स्थगित करने का फैसला किया था। माना जा रहा है कि इस रैली में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई दूसरे बड़े कांग्रेसी नेता शामिल हो सकते हैं।
Delhi: Congress party to hold a rally at Ramlila Maidan on November 30 on the issue of economic slowdown. https://t.co/mFaYjYrxWw
— ANI (@ANI) November 16, 2019
इससे पहले कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने भी शुक्रवार को आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर आज (16 नवंबर) से राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ ‘पोल खोल अभियान’ आरंभ करने की घोषणा की थी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने एक बयान में कहा कि 25 नवम्बर तक यह अभियान कांग्रेस के सभी 14 जिलों में चलाया जाएगा। शर्मा ने यह भी बताया कि अभियान के पहले चरण में शनिवार शाम आर.के. पुरम इलाके में कांग्रेस आक्रोश रैली करेगी जिसे डीपीसीसी अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजय माकन और कई अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस रैली के बाद मुख्य बाजारों में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे। शर्मा ने कहा, 'आज भारत की राजधानी दिल्ली बेरोजगारी की समस्या से अछूती नहीं है। दिल्ली के लोग जीएसटी की दरों से परेशान हैं। दूसरी ओर मोदी सरकार की नोटबंदी ने छोटे व मंझोले दुकानदारों व कारखानेदारों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।'
उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था न केवल पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है बल्कि सच तो यह है कि देश 72 साल में सबसे ज्यादा मंदी के दौर से गुजर रहा है।