दिल्लीः कॉलेजों में फंड की कटौती को लेकर CM आवास पर प्रदर्शन, BJP नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा- कॉलेज खोलने में असफल रही केजरीवाल सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 13, 2019 08:57 PM2019-09-13T20:57:41+5:302019-09-13T20:57:41+5:30
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के बाहरी दिल्ली व अन्य कई कॉलेजों में बुनियादी ढांचे का अभाव है। पूर्व ईसी सदस्य डॉ अजय भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार की शह पर इन कॉलेजों में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत प्रबंधन समितियों के सदस्यों ने पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित होकर व्यवहार किया है।
नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (NDTF) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बाहर 28 कॉलेजों में फंड कटौती और अन्य समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता बीजेपी विजेंद्र गुप्ता ने भी धरने को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की फंड कटौती से 28 कॉलेजों के कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं। दिल्ली सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुसार 20 नए कॉलेज खोलने में असफल रही है।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के बाहरी दिल्ली व अन्य कई कॉलेजों में बुनियादी ढांचे का अभाव है। पूर्व ईसी सदस्य डॉ अजय भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार की शह पर इन कॉलेजों में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत प्रबंधन समितियों के सदस्यों ने पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित होकर व्यवहार किया है। इनके मनोनीत सदस्यों ने कॉलेजों की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और कामकाज में सीधा हस्तक्षेप किया है जो डीयू के मानदंडों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के नियमों की अवहेलना करके एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति के चयन बोर्ड में बैठते थे। विवेकानंद कॉलेज में प्रबंधन समिति ने इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय/कार्यकारी परिषद की सिफारिशों की अनदेखी कर शिक्षकों के लिए उपस्थिति प्रणाली लागू किया है।
उन्होंने बताया कि कई कॉलेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को तत्काल मरम्मत और नवीनीकरण की आवश्यकता है। इसके लिए दिल्ली सरकार से सहायता की आवश्यकता होती है। ओबीसी विस्तार, ईडब्ल्यूएस विस्तार, सीबीसीएस पाठ्यक्रम और यूजीसी के 14/16 कार्यभार मानदंडों के कार्यान्वयन से शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों की आवश्यकता बढ़ गई है, लेकिन इस तरह की गंभीर चिंताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
अजय भागी ने कहा कि सातवें वेतनमान के अनुसार इन कॉलेजों में अब तक वांछित वित्तीय सहायता नहीं होने के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एचआरए के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। धरने के बाद एनडीटीएफ प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।