फ्री की रेवड़ी क्या होती हैं, सीएम केजरीवाल बोले-दिल्ली में 18 लाख बच्चे को शिक्षा दे रहा हूं, क्या गुनाह कर रहा हूं?
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 16, 2022 05:02 PM2022-07-16T17:02:19+5:302022-07-16T17:23:09+5:30
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। देशभर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत थी।
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर हमला किया। सीएम ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। देशभर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था। आज हमने अगर इन बच्चों का भविष्य ठीक किया तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं?
केजरीवाल ने कहा कि ये फ्री की रेवड़ी क्या होती हैं मैं आपको बताता हूं एक कंपनी ने कई बैंक से लोन लिया और पैसे खा गए। बैंक दिवालिया हो गया और उस कंपनी ने एक राजनीतिक पार्टी को कुछ करोड़ों रुपए का चंदा दे दिया और उस कंपनी के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
मुझे गालियां दी जा रही है कि "केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है।" मैं दिल्ली के गरीब और मीडिल क्लास के 18 लाख बच्चों को फ्री में शानदार शिक्षा दे रहा हूँ। मैं देश से पूछना चाहता हूँ क्या मैं रेवड़ियां बांट रहा हूँ या देश की नींव रख रहा हूँ?
I've been accused of handing out freebies. But is it wrong to provide quality education to underprivileged students for free? Over 18 lakh children study in our govt schools. Around 4 lakh students ditched pvt schools for public schools over past few yrs: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/pvrh6Mf24O
— ANI (@ANI) July 16, 2022
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘रेवड़ी संस्कृति’’ टिप्पणी पर कहा कि मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा मुफ्त सौगात नहीं, दोस्तों का कर्ज माफ करना है ‘‘मुफ्त की रेवड़ी’’। हम मुफ्त की रेवड़ी नहीं बांट रहे हैं, बल्कि मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा देकर देश की नींव रख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली राजनीति की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘‘रेवड़ी कल्चर’’ देश के विकास के लिए ''बहुत घातक'' है। मोदी ने करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत से बने 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शनिवार को जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस एक्सप्रेसवे से ना सिर्फ वाहनों को गति मिलेगी बल्कि यह बुंदेलखंड में विकास को भी गति प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नये भारत के समक्ष भी चुनौतियां हैं, जिन्हें अगर अभी नजरअंदाज किया जाए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए नुकसानदेह साबित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपका वर्तमान बर्बाद हो जाएगा और भविष्य अंधकार में डूब जाएगा। सतर्क रहना जरूरी है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज हमारे देश में ‘रेवड़ियां’ बांट कर वोट जुटाने की संस्कृति जड़ जमा रही है।
यह ‘रेवड़ी कल्चर’ देश के विकास के लिए बहुत घातक है। देश के लोगों खास तौर से युवाओं को इस संस्कृति के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि ये ‘रेवड़ी कल्चर’ वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए हवाई अड्डे या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे।
हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, ‘रेवड़ी कल्चर’ को देश की राजनीति से हटाना है।’’ मोदी की यह टिप्पणी लोगों में मुफ्त चीजें बांटने का वादा करने, खास तौर से चुनावों से ठीक पहले, वाले राजनीतिक दलों के लिए थी। उन्होंने कहा, ‘‘रेवड़ी कल्चर से दूर, हम नयी सड़कें और रेल रूट बनाकर लोगों की आकांक्षाएं पूरी कर रहे हैं।’’
ये कहते हैं- केजरीवाल जनता को फ़्री में बिजली क्यों दे रहा है?
— AAP (@AamAadmiParty) July 16, 2022
मैं इन से पूछना चाहता हूं- तुम्हारे मंत्रियों को कितनी बिजली फ़्री मिलती है?
तुम लोगों को 4000-5000 Unit FREE बिजली मिले तो ठीक, ग़रीब जनता को 200-300 Unit FREE Electricity मिले तो तकलीफ़?
-CM @ArvindKejriwalpic.twitter.com/ZYn246PMdj
सीएम ने कहा कि एक बच्चा है गगन, जिसके पिता जी मजदूरी करते थे। आज गगन का एडमिशन आईआईटी धनबाद में कंप्यूटर इंजीनियर में हुआ है। गगन से पूछिए कि मैं रेवड़ियां बांट रहा हूँ या देश का भविष्य संवार रहा हूँ?
दिल्ली एकमात्र शहर है जहां 2 करोड़ लोगों का इलाज मुफ़्त होता है। हम "फ़रिश्ते Scheme" में 13,000 से ज़्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उनके परिवार से पूछिए कि केजरीवाल "Free की रेवड़ियां" बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है?