दिल्ली: पॉक्सो मामले कल्याण समितियों नहीं सौंपने पर बाल अधिकार आयोज नाराज, पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र
By विशाल कुमार | Published: October 17, 2021 11:55 AM2021-10-17T11:55:22+5:302021-10-17T12:01:47+5:30
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर एसएचओ सभी पॉक्सो मामलों को बाल कल्याण समितियों के संज्ञान में लाएं.
नई दिल्ली:दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर एसएचओ सभी पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा) मामलों को बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के संज्ञान में लाएं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने कहा कि यह पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार करने की आवश्यकता है. क्योंकि यदि पुलिस को उचित आशंका है कि अपराधी उसी घर में रहता है जिसमें बच्चा रहता है या बच्चा किसी संस्था में है या बिना किसी माता-पिता या संस्थागत समर्थन के है तो अधिनियम में सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किए गए बच्चे के लिए भी प्रावधान है.
डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि स्थानीय पुलिस ऐसा नहीं कर रही है क्योंकि या तो वह कानून के प्रावधानों से अनजान है या उसे कोई मतलब ही नहीं है.
पत्र में कहा गया है कि बाल कल्याण समिति को मामले की रिपोर्ट न करने का मतलब उस बच्चे के पुनर्वास का कोई उपाय नहीं किया गया है, जिसे यौन हिंसा के आघात से गुजरना पड़ता है. यह कदम पॉक्सो पीड़ितों और उनके परिवारों को हुए आघात से उबरने में काफी मददगार साबित होगा.