दिल्ली: अमित शाह ने हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल की पत्नी को भेजा पत्र, शोक संदेश के अलावा पत्र में ये लिखा
By अनुराग आनंद | Published: February 25, 2020 08:23 PM2020-02-25T20:23:34+5:302020-02-25T20:25:43+5:30
गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, ‘‘आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया। सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने इस देश की सेवा के लिए सर्वोच्च कुर्बानी दी।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गये दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की पत्नी को मंगलवार को पत्र लिखकर अपना शोक संदेश भेजा और रतन लाल के मौत पर शोक जताने के अलावा लिखा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार के साथ है। लाल की पत्नी पूनम देवी को लिखे पत्र में शाह ने यह भी लिखा कि उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
गृह मंत्री ने लिखा, ‘‘आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया। सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने इस देश की सेवा के लिए सर्वोच्च कुर्बानी दी। मैं ईश्वर से आपको इस दुख और असमय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’’
शाह ने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश आपके परिवार के साथ है। उत्तर पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान फैली हिंसा में हेड कांस्टेबल रतन लाल समेत 10 लोग मारे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने पिछले दो दिन में घरों, दुकानों, वाहनों तथा एक पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। राजस्थान के सीकर जिले में फतेहपुर-शेखावटी तहसील के तेहावली गांव के रहने वाले लाल भी इस हिंसा की भेंट चढ़ गये।
जानें हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल के बारे में सबकुछ
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर में गांव तिहावली के रहने वाले थे। दिल्ली में वे बुराड़ी में अमृत विहार की गली नंबर 8 में पत्नी पूनम, दो बेटियों सिद्धि (13), कनक(10) और बेटे राम (5) के साथ रहते थे। पूनम गृहिणी हैं। सिद्धि 7वीं, कनक 5वीं और राम पहली कक्षा में पढ़ते हैं। तीनों बच्चे एनपीएल स्थित दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में हैं। रतनलाल का छोटा भाई दिनेश गांव में रहता है और एक भाई मनोज बंगलूरू में नौकरी करता है।
रतनलाल वर्ष 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुए थे। फिलहाल वे एसीपी गोकलपुरी ऑफिस में तैनात थे। सोमवार को वे ड्यूटी पर थे तो पत्नी ने हालचाल जानने के लिए फोन किया था। पत्नी को टीवी से पता लगा था कि रतनलाल के साथ अनहोनी हो गई है। तभी से वे फोन कर रही थीं। फोन किसी ने नहीं उठाया। कुछ देर में पता चल गया कि रतनलाल शहीद हो गए हैं। यह खबर सुनकर पूनम बेहोश हो गई थीं।