एयर मार्शल वी आर चौधरी ने वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख की जिम्मेदारी सम्भाली, 3,800 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव

By भाषा | Published: August 1, 2020 08:32 PM2020-08-01T20:32:36+5:302020-08-01T20:32:36+5:30

एयर मार्शल बी सुरेश यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद एयर मार्शल चौधरी ने यह प्रभार संभाला है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल चौधरी को 29 दिसंबर 1982 में वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल किया गया था।

Delhi Air Marshal VR Chaudhari took over command Western Air Command reviewed Guard Honour Parade  | एयर मार्शल वी आर चौधरी ने वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख की जिम्मेदारी सम्भाली, 3,800 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव

एयर मार्शल के रूप में उन्होंने एयर स्टाफ के उपप्रमुख के पद का भी प्रभार संभाला।

Highlightsएयर मार्शल चौधरी ने करीब 38 साल के शानदार करियर में विभिन्न प्रकार के लड़ाकू एवं प्रशिक्षण विमान उड़ाए। 3,800 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने का अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-23 एमएफ, मिग 29 और सु- 30 एमकेआई लड़ाकू विमान भी उड़ाए।सीमावर्ती लड़ाकू स्क्वाड्रन में कमांडिंग ऑफिसर थे और उन्होंने एक सीमावर्ती लड़ाकू सैन्य अड्डे की कमान भी संभाली थी।

नई दिल्लीः एयर मार्शल विवेक राम चौधरी ने भारतीय वायु सेना की पश्चिमी वायु कमान के कमांडर-इन-चीफ के तौर पर शनिवार को प्रभार संभाला। यह कमान संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र और उत्तरी भारत के विभिन्न हिस्सों में देश के वायुक्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है।

इससे पहले एयर मार्शल बी सुरेश यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद एयर मार्शल चौधरी ने यह प्रभार संभाला है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल चौधरी को 29 दिसंबर 1982 में वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल किया गया था।

एयर मार्शल चौधरी ने करीब 38 साल के शानदार करियर में विभिन्न प्रकार के लड़ाकू एवं प्रशिक्षण विमान उड़ाए। उनके पास 3,800 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने का अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-23 एमएफ, मिग 29 और सु- 30 एमकेआई लड़ाकू विमान भी उड़ाए।

एयर मार्शल चौधरी कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह सीमावर्ती लड़ाकू स्क्वाड्रन में कमांडिंग ऑफिसर थे और उन्होंने एक सीमावर्ती लड़ाकू सैन्य अड्डे की कमान भी संभाली थी। एयर मार्शल के रूप में उन्होंने एयर स्टाफ के उपप्रमुख के पद का भी प्रभार संभाला।

उन्हें ऐसे समय में डब्ल्यूएसी के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जब यह कमान चीन के साथ सीमा पर विवाद के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में तैनाती बढ़ा रही है। एयर मार्शल चौधरी राफेल हासिल करने के कार्यक्रम में भी शामिल थे।

वह पश्चिमी कमान के प्रमुख का प्रभार संभालने से पहले पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें जनवरी 2004 में वायु सेना पदक और 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।

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