उत्तरी दिल्ली में इमारत में लगी भीषण आग से 43 लोगों की मौत, इमारत का मालिक, प्रबंधक गिरफ्तार

By भाषा | Published: December 8, 2019 08:43 PM2019-12-08T20:43:10+5:302019-12-08T20:45:27+5:30

राष्ट्रीय राजधानी में उपहार सिनेमा त्रासदी के बाद अनाज मंडी में हुआ यह अग्निकांड दूसरी सबसे भयानक घटना है। पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई क्योंकि इमारत की दूसरी मंजिल पर सुबह लगभग पांच बजे जब आग लगनी शुरू हुई तो लोग सो रहे थे।

Delhi: 43 people killed by factory fire, building owner and manager arrested | उत्तरी दिल्ली में इमारत में लगी भीषण आग से 43 लोगों की मौत, इमारत का मालिक, प्रबंधक गिरफ्तार

150 दमकलकर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला।

Highlightsकेजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों इमरान हुसैन और सत्येन्द्र जैन घटनास्थल पर पहुंचे।कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

उत्तरी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले अनाज मंडी क्षेत्र में स्थित चार मंजिला एक इमारत की अवैध फैक्टरी में रविवार की सुबह आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने अनाज मंडी अग्निकांड के संबंध में इमारत के मालिक रेहान और उसके प्रबंधक फुरकान को को गिरफ्तार कर लिया। इस त्रासदी में 43 लोगों की जान चली गई।

राष्ट्रीय राजधानी में उपहार सिनेमा त्रासदी के बाद अनाज मंडी में हुआ यह अग्निकांड दूसरी सबसे भयानक घटना है। पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई क्योंकि इमारत की दूसरी मंजिल पर सुबह लगभग पांच बजे जब आग लगनी शुरू हुई तो लोग सो रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इमारत के लिए दमकल विभाग की मंजूरी भी नहीं थी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।

उन्होंने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि 150 दमकलकर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला। दमकल अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिकों की मौत हुई और दो दमकलकर्मी घायल हुए हैं। घायलों में एक नाबालिग भी शामिल हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि झुलसे हुए लोग फैक्टरी में काम करते थे या नहीं लेकिन ज्यादातर श्रमिक प्रवासी थे।

अधिकारियों ने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आई और दमकलकर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए। इस घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। ’’ प्रधानमंत्री ने घटना में जान गंवाने लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की। पीएमओ ने एक ट्वीट में बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने गंभीर रूप से झुलसे लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये मंजूर किये हैं। यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जायेगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। दिल्ली सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं और सात दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है। पुलिस ने बताया कि इमारत के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 285 (आग के संबंध में लापरवाह रवैया) के तहत मामला दर्ज किया है। दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही है। जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे।

इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की जान दम घुटने से चली गई। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया। उन्होंने कहा, “हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली। उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की। इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी।” सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे हैं।

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है। ’’ वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ‘‘कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्टरी मालिक कौन है।’’ व्यक्ति ने कहा, ‘‘मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरामुद्दीन फैक्टरी के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वह कहां हैं।’’ उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं। यह इलाका बेहद संकरा है।

एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे। उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं। नौ लोगों को लेडी हार्डिंग अस्पताल में मृत लाया गया। वर्ष 1997 में उपहार सिनेमा त्रासदी के बाद दिल्ली में यह सबसे भयानक हादसा है। उपहार सिनेमा त्रासदी में 59 लोगों की मौत हुई थी।

केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों इमरान हुसैन और सत्येन्द्र जैन घटनास्थल पर पहुंचे। कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल भी मौके पर गये। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृत लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। भाषा देवेंद्र दिलीप दिलीप

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