मोदी सरकार के 6 मंत्रियों की प्रेसवार्ता, राजनाथ सिंह ने कहा- कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान जो हुआ वो दुखद था और शर्मनाक
By अनुराग आनंद | Published: September 20, 2020 07:47 PM2020-09-20T19:47:30+5:302020-09-20T21:53:55+5:30
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदीर सत्ता पक्ष की बनती है, लेकिन विपक्ष का भी सहयोग जरूरी होता है।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत 6 मंत्री कृषि संबंधी विधेयक के राज्यसभा में पास होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदीर सत्ता पक्ष की बनती है, लेकिन विपक्ष का भी सहयोग जरूरी होता है।
इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि आज राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान जो हुआ वो दुखद था और शर्मनाक था। वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि ना ही APMC समाप्त हो रही है, ना ही MSP समाप्त हो रहा है। किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को भी काफी हद तक पूरा किया गया।
जब पत्रकारों ने मंत्री से माइक तोड़ने वाले सांसदों पर कार्रवाई के संबंध में सवाल पूछा तो राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके बारे में फैसला सदन के चेयरमैन को लेना है। लेकिन, जो आज हुआ वह गलत है।
There are some political reasons behind every such decision. I don't want to comment on why did she take this decision: Defence Minister Rajnath Singh on the resignation of Harsimrat Kaur Badal from Union Cabinet pic.twitter.com/1TGi8ifzjx
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने इस मामले में आगे कहा कि मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं। MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाली है दोनों नए कृषि विधेयक
राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आयी है।
हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं, यह गलत तरीके से तैयार किए गए हैं तथा गलत समय पर पेश किए गए हैं।
'बिल पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर साइन जैसा'
उन्होंने कहा इन बिलों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा और कांग्रेस ये नहीं करेगी। साथ ही बाजवा ने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा एमएसपी को खत्म करने का और कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है।
बाजवा ने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी ? उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक देश के संघीय ढांचे के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जिन्हें आप फायदा देना चाहते हैं, वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में नए कानूनों की जरूरत क्या है। उन्होंने कहा कि देश के किसान अब अनपढ़ नहीं हैं और वह सरकार के कदम को समझते हैं।