रक्षा मंत्रालय ने कहा- जर्मनी से लाएंगे 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, कोविड मरीज को राहत की उम्मीद
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 23, 2021 03:37 PM2021-04-23T15:37:38+5:302021-04-23T21:57:40+5:30
मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऑक्सीजन टैंकर, चाहे वह किसी भी राज्य के लिये हो, रोका न जाए न ही खड़ा रखा जाए।
नई दिल्लीः देश भर में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार है। ऑक्सीजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यदि हम ‘‘एक राष्ट्र’’ के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा।
कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है।
23 mobile oxygen generation plants are being airlifted from Germany. These will be deployed in AFMS hospitals catering to COVID patients. These oxygen generating plants are expected within a week: Defence Ministry
— ANI (@ANI) April 23, 2021
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। ये COVID रोगियों के लिए खानपान वाले AFMS अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर इन ऑक्सीजन पैदा करने वाले संयंत्रों की उम्मीद की जाती है। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश ने रेलवे से तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन का परिवहन करने को कहा है। उत्तर प्रदेश के लिए ‘प्राणवायु’ ले जा रही ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ 24 अप्रैल को लखनऊ पहुंचेगी।
रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय आक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 40 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट और 2400 लीटर आक्सीजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है।
रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि इन संयंत्रों की स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) के अस्पतालों में की जायेगी । मंत्रालय का यह निर्णय तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिये तीनों सेवाओं ओर अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकारी प्रदान करने की घोषणा की थी।
बाबू ने कहा, ‘23 सचल आक्सीजन उत्पादन संयंत्र को हवाई मार्ग से जर्मनी से लाया जायेगा। इन्हें कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले एएफएमसी के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि आक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र के एक सप्ताह के भीतर हवाई मार्ग से लाने की उम्मीद है।
राजनाथ ने रक्षा संगठनों से राज्य सरकारों को ऑक्सीजन, बिस्तर उपलब्ध कराने को कहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में मदद के लिये रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं आयुध कारखाना बोर्ड से राज्य सरकारों को अतिरिक्त बिस्तर और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए ‘युद्ध स्तर’ पर काम करने को कहा। अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में महामारी के मद्देनजर चिकित्सा उपकरणों की खरीद एवं अतिरिक्त क्षमता के सृजन के लिए तीनों बलों एवं अन्य रक्षा एजेंसियों को आकस्मिक वित्तीय अधिकार प्रदान किए।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों से कहा कि वे राज्य सरकारों के करीबी संपर्क में रहें और कोविड से निपटने के लिए जरूरी मदद उपलब्ध कराएं। इस बैठक में रक्षा सचिव अजय कुमार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी शामिल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ ने पहले ही निजी उद्योग के साथ अपनी ऑक्सीजन उत्पादन प्रौद्योगिकी साझा की है, जिसका विकास हल्के लड़ाकू विमान तेजस के उपयोग के लिये किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ में 450 बिस्तरों का अस्पताल, वाराणसी में 750 बिस्तरों का अस्पताल और अहमदाबाद में 900 बिस्तरों का अस्पताल स्थापित करने का कार्य जारी है।
(इनपुट एजेंसी)