बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी, मुजफ्फरपुर में अब तक 131 बच्चों की मौत, बिहार में मौतों का आंकड़ा 185 पार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 25, 2019 09:32 AM2019-06-25T09:32:00+5:302019-06-25T09:32:00+5:30

मुजफ्फरपुर में अब तक कुल 131 बच्चों की मौत हो चुकी है। एसकेएमसीएच में 111 और केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। 

death toll due to Acute Encephalitis Syndrome AES rises to 131 in Muzaffarpur | बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी, मुजफ्फरपुर में अब तक 131 बच्चों की मौत, बिहार में मौतों का आंकड़ा 185 पार

अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बच्चों की मौत के मामले में मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं।

Highlights प्रदेश के 40 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से करीब 600 बच्चे प्रभावित हुए मुजफ्फरपुर इस रोग से पूर्व की भांति सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा। 

बिहार में चमकी बुखार से बच्चों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से दो और बच्चे की मौत हो गई है। मुजफ्फरपुर में अब तक कुल 131 बच्चों की मौत हो चुकी है। एसकेएमसीएच में 111 और केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। बिहार में मौतों का आंकड़ा 185 पार चला गया है।

बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश के 40 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से करीब 600 बच्चे प्रभावित हुए जिनमें से करीब 140 की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर इस रोग से पूर्व की भांति सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा। 

चमकी बुखार से बच्चों की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केन्द्र सरकार, बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से सात दिन में जवाब मांगा है। 

सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए केंद्र सरकार को तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। 

 CJM कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बच्चों की मौत के मामले में मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में 28 जून को अगली सुनवाई होगी।  बता दें कि सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने बच्चों की मौत का जिम्मेदार दोनों मंत्रियों को बताते हुए CJM कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है।

 82% मृतक बच्चों के परिजन करते हैं मजदूरी

बिहार में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से पीड़ित परिवारों का बिहार सरकार ने सोशल ऑडिट कराया है। इससे जो जानकारी निकलकर आई उसमें एक बात साफ हुई कि ज्यादातर पीड़ित परिवार बेहद गरीब हैं। अधिकतर परिवार मजदूरी पर आश्रित हैं। आंकड़ों की बात करें तो सर्वे में शामिल कुल परिवारों मेंं से 82 फीसदी परिवारों की आय मजदूरी के जरिए होती है। रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित परिवारों में से 3/4 परिवार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कोटे में आते हैं।

Web Title: death toll due to Acute Encephalitis Syndrome AES rises to 131 in Muzaffarpur

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