Rafale Deal: फ्रेंच मीडिया के दावे पर दसॉल्ट एविएशन की सफाई, 'रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने का कोई दबाव नहीं था'
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 11, 2018 11:02 AM2018-10-11T11:02:01+5:302018-10-11T11:03:13+5:30
Rafale Deal between France and India: फ्रांस में खोजी पत्रकारिता की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि दसॉल्ट के पास रिलायंस के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
नई दिल्ली/पेरिस, 11 अक्टूबरः फ्रांस में खोजी पत्रकारिता की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने बुधवार को खुलासा किया था कि दसॉल्ट एविएशन के पास समझौता करने के लिए सिर्फ रिलायंस की एक विकल्प था। ये खुलासा उन्होंने एक आंतरिक दस्तावेज के हवाले से किया था। गुरुवार को दसॉल्ट एविएशन ने मीडियापार्ट के इस खुलासे पर सफाई पेश की है। कंपनी ने प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि भारत और फ्रांस के सरकार के बीच यह समझौता हुआ है और बिना दवाब के दसॉल्ट ने रिलायंस को चुना।
दसॉल्ट एविएशन के मुताबिक, 'दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) को 10 फरवरी 2017 को बनाया गया था। कुछ अन्य कंपनियों के साथ भी साझेदारी पर फैसला हुआ था जिसमें बीटीएसएल, काइनेटिक, महिंद्रा, सैमटेल... इत्यादि शामिल हैं। 100 से ज्यादा कंपनियों के साथ बीत-चीत जारी है।'
कंपनी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच 36 रफ़ाल विमानों की खरीद की डील हुई है और भारत सरकार के नियमों के तहत समझौता है। कंपनी का दावा है कि कीमत का 50% भारत में ऑफसेट के लिए समझौता हुआ है।
गौरतलब है कि मीडियापार्ट ने ही फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस दावे को भी प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने ऑफसेट पार्टनर के लिए रिलायंस के नाम का प्रस्ताव दिया था।
फ्रांस के तीन दिवसीय दौरे पर रक्षामंत्री
देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आज फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गई हैं। उनकी यात्रा के दौरान दोनों पक्ष अपने करीबी रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा कर सकते हैं। फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मुद्दे पर पैदा हुए विवाद के बीच सीतारमण फ्रांस की यात्रा पर जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछी सौदे की प्रक्रिया
बुधवार को केंद्र सरकार से फ्रांस से खरीदी जाने वाला राफेल फाइटर जेल की खरीद से जुड़ी जानकारियां सिलबंद लिफाफे में मांगी हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ाकू विमान की खरीद के दौरान अपनायी प्रक्रिया का ब्योरा मांगा है। भारतीय सेना के लिए फ्रांस की रक्षा कंपनी दसॉल्ट से 36 लड़ाकू विमान खरीद रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से राफेल के दाम के बारे में जानकारी नहीं मांगी है।