मध्य प्रदेशः धार में कारम नदी पर बन रहे डैम के टूटने का खतरा टला, खाली कराए गए गावों में ग्रामीण कर रहे वापसी
By मेघना सचदेवा | Published: August 15, 2022 01:06 PM2022-08-15T13:06:24+5:302022-08-15T13:06:24+5:30
मध्य प्रदेश के धार के कारम नदी पर बन रहे डैम को फूटने का खतरा अब टल गया है। जिसके चलते आश्रय शिविरों में ठहरे ग्रामीण अब अपने गावों की ओर लौट रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सूचना के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
धनमोद : मध्य प्रदेश के धार में कारम नदी पर बन रहे डैम के फूटने का खतरा अब टल गया है। जिसके चलते आश्रय शिविरों में ठहरे ग्रामीण अब अपने गावों की ओर लौट रहे हैं। रविवार को एक चैनल के माध्यम से पानी छोड़े जाने के बाद से बांध के टूटने का खतरा टल गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सूचना के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी कि उनकी वजह से एक बड़ी आपदा टल गई।
नहर खोदने वाली मशीन चालकों को दिया जाएगा इनाम
सीएम ने एलान किया है कि बांध जलाशय से पानी छोड़ने के लिए नहर खोदने वाली मशीन चालकों में से प्रत्येक को दो लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा अब सभी 18 गांवों का संकट समाप्त हो गया है। बांध में रिसाव से उत्पन्न स्थिति से सफलतापूर्वक निपटना आपदा प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं। परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पायें, पशुओं की जिंदगी बचा पायें।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 14, 2022
यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को भी कि अब कोई संकट नहीं है। pic.twitter.com/cvJt2v9jFw
बांध को टूटने से बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और सेना के कर्मियों के अलावा इंजीनियरिंग और जल विज्ञान विशेषज्ञों को तैनात किया गया। इन सभी ने मिल कर 15 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी के दबाव में बांध को टूटने से बचाया।
आस पास के गांव कराए गए थे खाली
बता दें कि गुरुवार को मध्यप्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर बने बांध में रिसाव होने के कारण हड़कंप मच गया था। बांध में रिसाव की खबरे पर आनन फानन में पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने खतरे को देखते हुए आस पास के गांवों को खाली कराने का निर्णय लिया था। यह बांध ग्राम भरुड़पुरा और कोठिदा के बीच कारम नदी पर 305 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। इस बांध का निर्माण पिछले चार साल से हो रहा था। बांध के बन जाने के बाद करीब 52 गांवों में सिचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।