चक्रवात 'बिपरजॉय' का पाकिस्तान में हो सकता है लैंडफॉल, भारत पर भी दिखेगा असर, मुंबई में मानसून पहुंचने में हो सकती है देरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2023 08:23 AM2023-06-07T08:23:32+5:302023-06-07T08:29:30+5:30
अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' में तब्दील हो गया है। इसके पाकिस्तान के तट से टकराने की आशंका है। हालांकि, असर भारत के पश्चिमी हिस्सों में भी नजर आएगा।

प्रतिकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' में तब्दील हो गया। 'बिपरजॉय' नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया है। इसके पाकिस्तान के तट से टकराने की आशंका है। साथ ही इसके असर से मुंबई तक मानसून पहुंचने में देरी हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था।
इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में छह जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है।
भारत में मानसून पर चक्रवात बिपरजॉय का असर
आईएमडी ने दो दिन पहले कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई थी।
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है। उसने कहा, ‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा।’
स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह तीन दिन पहले या बाद में हो सकता है। स्काईमेट ने कहा था, ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है। तदनुसार, वर्षा का प्रसार और तीव्रता 8 जून या 9 जून को इन आवश्यकताओं से मेल खा सकती है। हालांकि, मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है।’
दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
भारत पर चक्रवात का खतरा कम पर असर दिखेगा
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों से बहुत दूर जा रहा है, लेकिन क्षेत्रों में तेज हवाएं और अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है। मछुआरों के लिए चेतावनी जारी करते हुए मौसम विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं उत्तर-पूर्व अरब सागर और उत्तर गुजरात तट से दूर जा सकती हैं।
दूसरी ओर मुंबई में वर्तमान में मानसून की शुरुआत में देरी हो सकती है। इस शहर को सात अलग-अलग झीलों से पानी की आपूर्ति मिलती है: तानसा, भाटसा, मोदक सागर, तुलसी, विहार, ऊपरी वैतरणा और मध्य वैतरणा, जो हर साल बारिश के पानी से भर जाते हैं। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि 30 जून तक नियमित आपूर्ति के लिए पर्याप्त पानी है। इस बीच, मुंबई में 15 जून तक मानसून आने की उम्मीद है।
आईएमडी के अधिकारियों ने चक्रवात 'बिपरजॉय' के बारे में बात करते हुए कहा कि यह साल 2023 का पहला चक्रवात है जो अरब सागर में उठा है। उन्होंने कहा कि वे लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और तूफान के गुजर जाने तक हर 6 घंटे में प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाएगी। तूफान के तटीय क्षेत्रों के पास होने के बाद अपडेट अधिक बार होंगे।