अम्फान का कहर: ममता सरकार ने सेना की मदद मांगी, बंगाल में अब तक 86 लोगों की मौत
By निखिल वर्मा | Published: May 23, 2020 04:50 PM2020-05-23T16:50:21+5:302020-05-23T16:56:22+5:30
अम्फान तूफान के चतले बंगाल के करीब 1.5 करोड़ लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं और चक्रवात के कारण 10 लाख से ज्यादा घर बर्बाद हो गए।
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाओं और जरूरी आधारभूत ढांचे को फिर से बहाल करने में सेना की मदद मांगी। पश्चिम बंगाल ने रेलवे, बंदरगाह और निजी संस्थानों से चक्रवात प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाओं को बहाल करने में मदद मांगी है। वहीं चक्रवात अम्फान से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल में राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी के लिए एनडीआरएफ की दस और टीमें भेजी जा रही हैं।
चक्रवात के कारण जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद, प्रशासन के तमाम अधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जुटे हुए हैं। कोलकाता के कुछ हिस्सों और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना में भले ही बिजली और मोबाइल सेवाएं बहाल कर ली गईं हैं लेकिन बिजली के खंभे उखड़ जाने और संचार लाइनें टूट जाने से अब भी कई इलाके अंधकार में डूबे हुए हैं
कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में लोग बिजली और पानी की तत्काल आपूर्ति बहाल करने की मांग के साथ शुक्रवार रात से प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कें बाधित की हुई हैं। कोलकाता नगर निगम प्रशासक बोर्ड के प्रमुख फरहाद हाकिम ने आश्वासन किया है कि एक हफ्ते के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी क्योंकि सरकारी अधिकारी स्थिति में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बंगाल नहीं भेजने का अनुरोध
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्रालय से चक्रवात ‘अम्फान’ के मद्देनजर 26 मई तक राज्य में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं भेजने को कहा है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की तरफ से रेलवे बोर्ड के प्रमुख वी के यादव को 22 मई को लिखे गए पत्र में कहा गया कि राज्य 20 और 21 मई को महा चक्रवात ‘अम्फान’ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे बहुत नुकसान हुआ है।
कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए श्रमिक विशेष रेलगाड़ी सेवा शुरू करने के बाद सबसे कम रेलगाड़ियां पश्चिम बंगाल में ही भेजी गई हैं। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने एक पत्र में आरोप लगाया था कि बंगाल अपने प्रवासियों को लौटने की अनुमति नहीं दे रहा है। बाद में यह तय किया गया कि इन ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्य की सहमति लेना जरूरी नहीं है।