छत्तीसगढ़ः CRPF के कैंप के ऊपर मंडराया ड्रोन, सुरक्षाबल हुए सतर्क, बीजापुर में डिफ्यूज किए IED विस्फोटक
By रामदीप मिश्रा | Published: November 19, 2019 04:09 PM2019-11-19T16:09:02+5:302019-11-19T16:09:02+5:30
छत्तीसगढ़ः बस्तर के आई पी सुंदरराज ने बताया है कि पुलिस ने मंगलवार (19 नवंबर) को बीजापुर के गंगालुर गाँव के एक बाजार में तीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किए हैं, जिन्हें सुरक्षाबलों द्वारा सुरक्षित रूप से डिफ्यूज किया गया।
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के शिविर के ऊपर ड्रोन मंडराते हुए देखा गया है। सीआरपीएफ की ओर से बताया गया है कि यह ड्रोन सोमवार शाम पौने सात बजे मंडराते हुए देखे हैं। इस में सुरक्षाबल अलर्ट हो गए हैं।
इधर, बस्तर के आई पी सुंदरराज ने बताया है कि पुलिस ने मंगलवार (19 नवंबर) को बीजापुर के गंगालुर गाँव के एक बाजार में तीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किए हैं, जिन्हें सुरक्षाबलों द्वारा सुरक्षित रूप से डिफ्यूज किया गया। वहीं, इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
IG Bastar P Sundarraj: Police recovered three Improvised Explosive Devices (IEDs) at a market in Gangalur village of Bijapur, today. All three IEDs were diffused safely by the security forces. Search operation underway. #Chhattisgarh
— ANI (@ANI) November 19, 2019
बताया जा रहा है कि माओवादियों के ड्रोन उड़ाने और उसके संचालन की घटना के हाल में सामने आने के बाद वामपंथी चरमपंथ प्रभावित राज्यों में तैनात सुरक्षाबलों निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि जैसे ही इलाके में ड्रोन उड़ता हुआ दिखाई दे उसे तुरंत गोली मारकर नीचे गिराया जाए।
CRPF Sources: On Monday around 6:45 pm Central Reserve Police Force (CRPF) officials spotted a drone hovering over a CRPF camp in Sukma district, Chhattisgarh.
— ANI (@ANI) November 19, 2019
बताया जा रहा है कि ड्रोन देखे जाने के बाद खुफिया एजेंसियां खास तौर पर दो शिविरों को लेकर चिंतित हैं जहां ड्रोन देखे गए। यह दोनों शिविर नक्सल प्रभाव वाले इलाके में हैं जहां समुचित सड़क संपर्क नहीं है और नियमित रूप से इसके आसपास सशस्त्र माओवादियों की आवाजाही देखी गई है क्योंकि इस इलाके की सीमा ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के जंगल से सटे इलाकों से लगती है।
एजेंसियों को शक है कि नक्सलियों ने हाल में ये छोटे ड्रोन हासिल किए हैं, जिनका उद्देश्य सुरक्षाबलों के शिविरों से जुड़ी जानकारियां हासिल करना, उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आदि है।