भाकपा ने कारोबारी घरानों को बैंकिंग लाइसेंस दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया
By भाषा | Published: November 24, 2020 08:29 PM2020-11-24T20:29:42+5:302020-11-24T20:29:42+5:30
नयी दिल्ली, 24 नवंबर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कारोबारी घरानों को बैंकिंग का लाइसेंस देने के आरबीआई के प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए इसे पुरातनपंथी कदम बताया और सरकार से इसकी अनुमति नहीं देने के लिए कहा।
भाकपा के महासचिव डी राजा ने एक बयान में कहा, ‘‘कारोबारी घरानों को बैंकिंग का लाइसेंस देना पुरातनपंथी फैसला है । नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार कारोबारी समर्थक, नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को लागू कर रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के समय देश में सभी बैंकों पर कारोबारी घरानों का नियंत्रण था लेकिन देश की आर्थिक विकास परियोजनाओं में मदद के लिए उनमें से कोई भी आगे नहीं आया।
राजा ने कहा, ‘‘एक तरफ ये निजी बैंक लोगों की बचत रकम को बटोर रहे हैं और निहित हितों के कारण उनके कारोबार को लेकर भी चिंताएं हैं। इस कारण से कई बैंक संकट में है और हितों के टकराव के मुद्दे का सामना करना पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने की मांग में भाकपा ने जोर-शोर से भूमिका निभायी थी और एआईटीयूसी और एआईबीईए जैसे ट्रेड यूनियनों ने इस मांग को लेकर संघर्ष किया था।
वाम नेता ने कहा कि आज राष्ट्रीयकृत बैंक आर्थिक विकास के मुख्य इंजन साबित हुए हैं।
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