ट्रंप के पलटवार के संकेत पर भारत ने कहा- 'कुछ मीडिया हाउस बेवजह विवाद व राजनीति ना करें', अमेरिका को मलेरिया की दवाई देने पर दिया ये जवाब

By पल्लवी कुमारी | Published: April 7, 2020 01:32 PM2020-04-07T13:32:19+5:302020-04-07T13:32:19+5:30

कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए मलेरिया की दवाई मददगार माना जा रहा है। भारत से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कर मलेरिया की दवाई यानी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भेजने का अनुरोध किया था। भारत ने इस दवाई के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर रखा है।

COVID19: India supply hydroxychloroquine after US hints at retaliation says media create controversy | ट्रंप के पलटवार के संकेत पर भारत ने कहा- 'कुछ मीडिया हाउस बेवजह विवाद व राजनीति ना करें', अमेरिका को मलेरिया की दवाई देने पर दिया ये जवाब

Donald Trump And Narendra Modi (File Photo)

Highlightsराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत ने दवाई नहीं भेजी तो अमरीका जवाबी कार्रवाई कर सकता है।भारत ने जवाब देते हुए कहा- कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए कुछ देशों को भी हम इन जरूरी दवाओं की आपूर्ति करेंगे।

नई दिल्ली:  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से मलेरिया की दवाई यानी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भेजने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया की दवाई ना भेजने की स्थिति में भारत को इसके पलटवार और जवाबी कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं। इन सारी स्थितियों पर आज (7 अप्रैल)  विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से कहा गया है कि कोडिव-19 महामारी के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा। हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 

कुछ मीडिया हाउस बेवजह विवाद ना खड़ा करें: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा,कुछ मीडिया संस्थान कोविड-19 से जुड़ी दवाओं और फार्मास्युटिकल्स को लेकर बिना किसी बात के विवाद खड़ा कर रहे हैं। हम किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरह हम पहले यह देखेंगे कि हमारे पास अपे लोगों के लिए दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है या नहीं। इसी वजह से कुछ दवाओं के निर्यात को रोकने के लिए अस्थायी कदम उठाए भी गए थे। जरूरी दवाओं की पर्याप्त स्टॉर की पुष्टि होने के बाद इसपर से रोक हटा ली गई है। सोमवार (6 अप्रैल) को डीजीएफटी ने 14 दवाओं पर लगी रोक हटाने के बारे में सूचित किया है।लेकिन फिर भी हम पैरासीटामॉल और हाइड्रोक्लोरोक्वीन को लाइसेंस की कैटिगरी में रखेंगे। इसकी मांग पर लगातार सरकार द्वारा नजर रखी जाएगी। हालांकि स्टॉक की स्थिति देखते हुए हमारी कंपनियां अपने कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक निर्यात कर सकती हैं। 

दवाइयों के संबंध में अटकलें या राजनीति को खारिज करेंगे: विदेश मंत्रालय 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, कोरोना वायरस महामारी की गंभीरता को देखते हुए भारत ने पहले हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मजबूत एकजुटता और सहयोग दिखाना चाहिए। इसके मद्देनजर अन्य देशों के नागरिकों की निकासी को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है कि  भारत अपने सभी पड़ोसी देशों, जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं, उन्हें उचित मात्रा में पैरासीटामॉल और एचसीक्यू के लाइसेंस देगा। इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए कुछ देशों को भी हम इन जरूरी दवाओं की आपूर्ति करेंगे। इसलिए हम इस संबंध में किसी भी तरह की अटकलें या राजनीति को खारिज करेंगे।''

पढ़ें डोनाल्ड ट्रंप ने दवाओं को लेकर भारत के लिए क्या कहा? 

अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों की बढ़ती संख्या के बीच उनके इलाज के लिए इस दवा के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे हैरानी होगी अगर वह (भारत) करेंगे, क्योंकि आप जानते हैं कि भारत का अमेरिका के साथ व्यवहार बहुत अच्छा रहा है।’’ कोरोना वायरस से अमेरिका में अब तक 10,000 से अधिक अमेरिकी लोगों की जान जा चुकी है और 3.6 लाख से अधिक संक्रमित हैं। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है। 

ट्रंप ने कहा कि भारत कई वर्षों से अमेरिकी व्यापार नियमों का फायदा उठा रहा है, और ऐसे में अगर नई दिल्ली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात को रोकता है, तो उन्हें हैरानी होगी। उन्होंने कहा, "अगर ये उनका निर्णय है, तो मुझे हैरानी होगी। उन्हें इस बारे में मुझे बताना होगा। मैंने रविवार सुबह उनसे (पीएम नरेंद्र मोदी) बात की, उन्हें फोन किया, और मैंने कहा कि हम इस बात की सराहना करेंगे, यदि आप आपूर्ति होने देंगे। अगर वे इसकी इजाजत नहीं देंगे, तो कोई बात नहीं, लेकिन जाहिर तौर पर इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। क्यों नहीं होनी चाहिए?" 

Web Title: COVID19: India supply hydroxychloroquine after US hints at retaliation says media create controversy

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