कोविड टीका पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर किया हमला, कहा-केंद्र को 150, राज्यों में 400 रुपये में क्यों, यह संघवाद नहीं...
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 21, 2021 04:47 PM2021-04-21T16:47:30+5:302021-04-21T20:57:34+5:30
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे।
नई दिल्लीः कांग्रेस और वाम दलों ने बुधवार को कोविड -19 वैक्सीन कोविशिल्ड के राज्यों के लिए तय उच्च कीमत को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया।
पार्टियों ने केंद्र और राज्यों दोनों के लिए कोविड -19 वैक्सीन के लिए समान मूल्य निर्धारण की मांग की। कंपनी ने बयान में कहा कि कोविशिल्ड राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक की दर से आपूर्ति के लिए उपलब्ध होगी। केंद्र के साथ इसका अनुबंध अपरिवर्तित है। इस प्रकार केंद्र को 150 रुपये में कोविल्ड की खुराक मिलती रहेगी।
आपदा देश की
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2021
अवसर मोदी मित्रों का
अन्याय केंद्र सरकार का!#VaccineDiscriminationpic.twitter.com/oOTC77AmkB
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर कटाक्ष किया, यह आरोप लगाया कि यह "पीएम मोदी के दोस्तों के लिए अवसर और केंद्र सरकार द्वारा अन्याय है।" कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की टीका संबंधी रणनीति नोटबंदी से कम नहीं है क्योंकि इसमें भी लोग कतारों में लगेंगे और धन, स्वास्थ्य एवं जान का नुकसान सहेंगे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा, उन्होंने पीएम कार्स फंड पर सवाल उठाए। यह अस्वीकार्य है। केंद्र को राज्यों को मुफ्त में पारदर्शी तरीके से टीके खरीदने और वितरित करने होंगे।
केंद्र सरकार की वैक्सीन रणनीति नोटबंदी से कम नहीं-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2021
* आम जन लाइनों में लगेंगे
* धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान झेलेंगे
* और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार की टीका संबंधी रणनीति नोटबंदी से कम नहीं- आम जन कतारों में लगेंगे धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान सहेंगे और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा।’’ सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी है।
कांग्रेस ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से राज्यों एवं निजी अस्पतालों के लिए कोरोना रोधी टीके का मूल्य निर्धारित किए जाने के बाद बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक ‘घटिया’ कदम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह सवाल भी किया कि टीके के लिए 400 रुपये का भुगतान राज्य सरकारें करेंगी या फिर लाभार्थी करेंगे? गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक तथा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी। एसआईआई ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा कि अगले दो महीनों में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा।
18 से 44 वर्ष के बीच के कितने व्यक्ति 400 रुपये प्रति डोज का भुगतान कर सकते हैं? क्या लाभार्थी पर लागत का बोझ होगा?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 21, 2021
कितने राज्य वैक्सीन की कीमत चुकाने और लोगों को सब्सिडी देने के लिए तैयार होंगे?
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि अंदेशा था, कोविशील्ड टीके की कीमत सरकारी अस्पतालों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये तय कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में 400 रुपये कौन अदा करेगा? राज्य सरकार या फिर लाभार्थी?’’ उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘18 से 44 साल के आयुवर्ग के कितने लोग प्रति खुराक 400 रुपये दे सकेंगे? क्या लाभार्थी पर कीमत का बोझ डाला जाएगा?
Central Govt will continue to pay Rs 150 per dose for Covishield. State govts will now be charged Rs 400 a dose. This is not cooperative federalism. This will bleed dry the already reeling state finances. Atrocious!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 21, 2021
We demand One Nation, One Price for Centre & State governments. pic.twitter.com/YiOIWosNee
कितने राज्य टीके की कीमत का भुगतान करेंगे और क्या लोगों को सब्सिडी दी जाएगी?’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्र सरकार को कोविशील्ड की प्रति खुराक 150 रुपये की मिलती रहेगी। अब राज्यों से इसके लिए 400 रुपये लिया जाएगा। यह सहकारी संघवाद नहीं है। यह पहले से ही संकट का सामन कर रहे राज्य सरकारों के खजाने पर और बोझ डालेगा। यह घटिया कदम है।’’ उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया, ‘‘ हम ‘एक राष्ट्र, एक कीमत’ की मांग करते हैं।’’
(इनपुट एजेंसी)