भारत में मिले कोविड स्ट्रेन को कहा जाएगा 'डेल्टा' और 'कप्पा', WHO ने दिया नाम

By विनीत कुमार | Published: June 1, 2021 07:29 AM2021-06-01T07:29:58+5:302021-06-01T08:16:00+5:30

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के अलग-अलग स्ट्रेन को नाम दिए हैं। इसके अनुसार भारत में मिले कोविड स्ट्रेन को डेल्टा और कप्पा कहा जाएगा। WHO ने कहा कि वायरस की पहचान के लिए इनके नाम दिए गए हैं।

Covid Strain first Detected in India named Delta as WHO names different variants | भारत में मिले कोविड स्ट्रेन को कहा जाएगा 'डेल्टा' और 'कप्पा', WHO ने दिया नाम

भारत में मिले कोविड स्ट्रेन को कहा जाएगा 'डेल्टा' (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस के बी.1.617.2 स्ट्रेन को 'डेल्टा' कहा जाएगा, भारत मेंं पहली बार मिला था ये स्ट्रेनहाल में भारत में मिले स्ट्रेन को भारतीय वैरिएंट कहे जाने पर खूब विवाद भी हुआ था

जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले भारत में पाए गए कोरोना वायरस के स्ट्रेन B.1.617.1 और B.1.617.2 को 'कप्पा' और 'डेल्टा' नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उसने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के नामकरण के लिए यूनानी अक्षरों का सहारा लिया है। 

डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 तकनीकी मामलों की प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने सोमवार को ट्वीट किया, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के स्वरूपों के आसानी से पहचाने जाने के लिए उनका नया नामकरण किया है। इनके वैज्ञानिक नामों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, इसका उद्देश्य आम बहस के दौरान इनकी आसानी से पहचान करना है।' 

ब्रिटेन में मिले वैरिएंट को कहा जाएगा 'अल्फा'

ब्रिटेन में पिछले साल 2020 में मिले वायरस के वैरिएंट को 'अल्फा' कहा जाएगा। वहीं दक्षिण अफ्रीका के वैरिएंट का नाम 'बीटा' दिया गया गया है। ऐसे ही ब्राजील में पिछले साल मिले स्ट्रेन को 'गामा' और अमेरिका में मिले स्ट्रेन को 'एप्सिलॉन' नाम दिया है। फिलीपींस में इसी साल जनवरी में मिले स्ट्रेन का नाम थीटा रखा है।

WHO ने एक बयान में कहा कि उसके द्वारा निर्धारित एक विशेषज्ञ समूह ने वायरस के स्वरूपों को सामान्य बातचीत के दौरान आसानी से समझने के लिए अल्फा, गामा, बीटा गामा जैसे यूनानी शब्दों का उपयोग करने की सिफारिश की ताकि आम लोगों को भी इनके बारे में होने वाली चर्चा को समझने में दिक्कत न हो। 

बताते चलें कि इसी साल भारत में मिले कोरोना वायरस के स्ट्रेन B.1.617 को भारतीय वेरिएंट कहा जाने लगा था। इस पर विवाद भी हुआ था। बाद में WHO ने कहा था कि वायरस और वेरिएंट्स को किसी भी देश के नाम से नहीं पहचाना जाना चाहिए। हाल में भारत सरकार ने भी 'भारतीय वैरिएंट' कहे जाने को लेकर आपत्ति जताई थी।

कोरोना का स्ट्रेन B.1.617 अब तक 50 से ज्यादा देशों में पाया जा चुका है। जानकार मानते हैं कि यह दूसरे वायरस की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है।

(भाषा इनपुट)

Web Title: Covid Strain first Detected in India named Delta as WHO names different variants

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