पांच राज्यों से दिल्ली आने वालों को दिखानी होगी निगेटिव रिपोर्ट, आदेश जारी, 15 मार्च तक प्रभावी, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 24, 2021 08:59 PM2021-02-24T20:59:24+5:302021-02-24T21:00:54+5:30
देश में पिछले 24 घंटे में 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 से किसी की मौत नहीं हुई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,46,907 है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.33 प्रतिशत है।
नई दिल्लीः महाराष्ट्र, केरल और पंजाब समेत पांच राज्यों से आने वाले लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से पहले कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखानी होगी।
इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा और यह 15 मार्च तक प्रभावी रहेगा। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सोमवार को हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 निगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अनिवार्यता शुक्रवार रात से प्रभावी हो सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामले बढ़ रहे हैं। केरल में पहले की तुलना में संक्रमण के मामले घट रहे हैं लेकिन अब भी संक्रमण के ज्यादा मामले आ रहे हैं. अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में संक्रमण के दैनिक मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है।
60 से ऊपर और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के बीमार लोगों को 1 मार्च से लगेगा कोरोना टीका
सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को 1 मार्च से कोरोना वायरस रोधी टीका सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क लगाया जायेगा। वहीं, निजी क्लिनिकों एवं केंद्रों पर उन्हें इसके लिए शुल्क देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय का निर्णय किया गया । बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वायरस रोधी टीका 1 मार्च से लगाया जायेगा।
10 हजार सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क टीका लगाया जायेगा
उन्होंने बताया कि इस श्रेणी में लोगों को 10 हजार सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क टीका लगाया जायेगा। मंत्री ने कहा कि 20 हजार निजी क्लिनिकों या केंद्रों पर टीका लगवाने वालों को शुल्क देना होगा। जावड़ेकर ने बताया कि यह शुल्क कितना होगा, इसके बारे में विचार विमर्श करने के बाद स्वास्थ्य विभाग दो-तीन दिनों में घोषणा करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क टीका लगाने के लिये भारत सरकार जरूरी खुराक खरीदेगी और राज्यों को उपलब्ध करायेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों को कोविशिल्ड या कोवैक्सीन में से टीका चुनने का विकल्प होगा, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है और दोनों टीके प्रभावी हैं और उनकी क्षमता सिद्ध है। ’’
अब तक 1,07,67,000 लोगों को टीके लगाये जा चुके हैं
जावड़ेकर ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था और अब तक 1,07,67,000 लोगों को टीके लगाये जा चुके हैं। 14 लाख लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं और इसका खर्च सरकार उठा रही है।
यह पूछे जाने पर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाने के चरण में क्या प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों को भी टीका लगाया जायेगा, जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग टीका लगवाना चाहते हैं, वे 1 मार्च से शुरू हो रहे अभियान में लगवा सकते हैं।
वहीं, जावड़ेकर के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री रविश्ंकर प्रसाद ने कहा कि अधिकांश मंत्री भुगतान करके टीका लगवाने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों (देशों) में प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों ने शुरुआत में ही टीके लगवाए, लेकिन हमने अपने यहां सबसे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र के योद्धाओं को टीका लगाने की शुरुआत की ।