जो सरकार की लाठी बने, उन पर बरसाई जा रही लाठियां, शिवराज सरकार पर बरसे एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ
By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 5, 2020 07:53 PM2020-12-05T19:53:46+5:302020-12-05T19:56:17+5:30
मध्य प्रदेश के भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे. कहा कि कोरोना वारियर पर शिवराज सरकार हमला कर रही है.
भोपालः पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कोरोना महामारी काल में नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि संकट के दौरान जिसने सरकार की लाठी बनकर काम किया है शर्मनाक है कि वही सरकार उनके ऊपर लाठियां बरसा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की कि स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं आज की परिस्थितियों में समाप्त करना मानवता और नैतिकता की दृष्टि से अनुचित है.
जबकि पूर्व में ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जब सिंहस्थ मेले के दौरान नियुक्त अस्थाई कर्मियों की सेवाएं सरकार ने बहाल की थी. उन्होंने कहा कि जब लोग घरों में बंद थे तब इन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों ने घर से बाहर निकलकर अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना की रोकथाम के लिये अपना जीवन दांव पर लगा दिया था.
इस दौरान कई स्वास्थ्यकर्मी न केवल संक्रमित हुये बल्कि उनकी मृत्यु भी हुई है. इनकी आवश्यकताओं को ही देखकर 6 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा अवधि को समय-समय पर बढ़ाया भी गया है. आज भी प्रदेश में कोरोना का संक्रमण चरम पर है भोपाल से कई शहरों में दिन-प्रतिदिन संक्रमण की दर बढ़ रही है.
ऐसे में कोरोना काल में नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकता भी बनी हुई है और आगे भी लंबे समय तक बनी रहेगी. ऐसे में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की सबसे अधिक आवश्कता होगी. नाथ ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना काल में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं को देखकर सरकार ने उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में विधिवत बड़ा समारोह आयोजित कर सम्मानित किया और खूब प्रचार पाया वही सरकार आज जब वे अपनी आजीविका बरकरार रखने की मांग कर रहे हैं तो उन पर लाठियां बरसा रहीं हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि वे कोरोना काल में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाओं को तत्काल बहाल कर उनके सम्मान को बरकरार रखें.