41 हजार डीप फ्रीजर के साथ कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी, एक बार में 100 से 200 लोगों को लगेगा टीका, साइड इफेक्ट पर नजर
By एसके गुप्ता | Published: December 15, 2020 08:06 PM2020-12-15T20:06:08+5:302020-12-15T20:07:07+5:30
देश में कोरोना मामलों की संख्या 94 लाख से अधिक हो गई है। एक्टिव केस लगातार घट रहे हैं और उनकी संख्या वर्तमान में 3,40,000 के लगभग है।
नई दिल्लीः देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दो स्तरीय ट्रांसपोर्ट प्रबंधन के तहत कोरोना वैक्सीन लगाने का काम किया जाएगा। राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सचिव और जिला स्तर पर जिला अधिकारी के अलावा सभी जिलों में टास्क फोर्स बनाकर वैक्सीन लगेगी।
केंद्र ने राज्यों के साथ मंत्रणा की है, वैक्सिनेशन कार्यक्रम में 23 मंत्रालय मिलकर काम करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैक्सिनेशन कार्यक्रम के लिए मेडिकल ऑफिसर, वॉलिंटियर ऑफिसर, कोल्ड चैन हैंडलर, सुपरवाइजर, डाटा मैनेजर, आशा वर्कर को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसके अलावा 29 हजार कोल्ड चैन प्वाइंट्स बनाए जा रहे हैं। इनमें से 240 वाकिंग कूलर, 70 वाकिंग फ्रीजर, 45000 बर्फ से रेफ्रिजरेटर कोड, 41 हजार डीप फ्रीजर के साथ-साथ 300 सोलर रेफ्रिजरेटरों का इंतजाम किया जा रहा है। कोल्ड चैन नेटवर्क के लिए रिसोर्सेस को दो हिस्से में बांटा गया है। पहले में इलेक्ट्रिकल और दूसरे में नॉन इलेक्ट्रिकल कोल्ड चैन व्यवस्था की गई है।
29000 cold chain points, 240 walk-in coolers, 70 walk-in freezers, 45000 ice-lined refrigerators, 41000 deep freezers & 300 solar refrigerators will be used. All these equipment have already reached state governments: Rajesh Bhushan, Secretary, Ministry of Health #CovidVaccinepic.twitter.com/0tnJjVCB8n
— ANI (@ANI) December 15, 2020
राजेश भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार ने टीकाकरण और इसकी तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक हर प्वाइंटर पर एक बार में 100-200 लोगों को वैक्सीन लगेगी। वैक्सीन लेने वाले शख्स पर आधे घंटे तक निगरानी रखी जाएगी।
स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत पाई गई तो तत्काल चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई जाएगी। टीका सेंटर में एक बार में एक ही व्यक्ति को भीतर जाने की इजाजत होगी। कोरोना वैक्सीन के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के इस्तेमाल की तैयारी की गई है।
राज्यों को जारी गाइडलाइन में कहा गया कि टीका लेने वाले लोगों और कोरोना वायरस की वैक्सीन को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) सिस्टम' का इस्तेमाल किया जाएगा। टीकाकरण के लिए लोगों का पहले से ही रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा।
प्राथमिकता तय की जाएगी कि किसे पहले वैक्सीन लगे और किसे बाद में
निबंधन के हिसाब से ही प्राथमिकता तय की जाएगी कि किसे पहले वैक्सीन लगे और किसे बाद में। तत्काल पंजीकरण या किसी तरह कि अनुशंसा वैक्सीनेशन को लेकर नहीं चलेगी। स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण के मुताबिक इंग्लैंड में कोरोना वायरस टीकाकरण के दौरान कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ रही हैं।
लिहाजा भारत में भी इस तरह की परिस्थितियों से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी चुनौतियों के लिए हमें मानसिक तौर पर पहले से ही तैयार रहना होगा। सरकार ने अपने पिछले दिशानिर्देश में पहले ही राज्य सरकारों को टीकाकरण के दौरान होने वाली मुश्किलों से निपटने के लिए तैयारी करने को कहा था।
भारत में कोरोना वैक्सीन के साइडइफेक्ट से लड़ना वास्तव में चुनौतीपूर्ण होगा
भारत में कोरोना वैक्सीन के साइडइफेक्ट से लड़ना वास्तव में चुनौतीपूर्ण होगा। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर संभव है कोरोना टीका को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाने की कोशिश की जाए । सरकारी अमले को इन परिस्थितियों से सख्ती से निपटना होगा। उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर संतोष जताते हुए कहा कि भारत में 95 फ़ीसदी से ज्यादा रिकवरी रेट हो गया है
दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में अभी भी सबसे अधिक मामले आ रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति फिलहाल चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि दिल्ली की स्थिति में सुधार हुआ है। भारत में 15 करोड़ 55 लाख टेस्ट हो चुके हैं, जबकि एक्टिव केस तीन लाख 40 हजार के करीब है और 94 लाख लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।