बिहार में कोरोनाः अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सहित दवाओं की किल्लत, श्मशान में शवों की कतार
By एस पी सिन्हा | Published: April 19, 2021 07:53 PM2021-04-19T19:53:38+5:302021-04-19T19:55:15+5:30
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान 27 और व्यक्ति की मौत हो जाने से इससे मरने वालों की संख्या रविवार को 1749 तक पहुंच गयी.
पटनाः कोरोना की दूसरी लहर ने बिहार को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया है. कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और स्वस्थ होने वालों की संख्या घट रही है.
राज्य के अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी होने लगी है. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हर परेशानी का समाधान निकाला जा रहा है. हालात ऐसे हो गये हैं कि अस्पतालों में बेड नहीं है तो श्मशान घाट पर भी लंबा इंतजार चल रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण आम लोग से लेकर वीआईपी तक लाचार है.
100 से ज्यादा बडे़ अधिकारी कोरोना की चपेट में हैं तो वहीं कई की मौत हो चुकी है. सोमवार सुबह पूर्व शिक्षा मंत्री मेवा लाल चौधरी की मौत हो गई. राजद विधायक बच्चा राय कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये हैं. इस तरह से कोरोना संक्रमण इस बार अधिक खतरनाक रूप में सामने आया है. केवल 17 दिनों में संक्रमण की दर आठ गुना बढ़ गई है.
मुजफ्फरपुर स्थित उत्तर बिहार के सबसे बडे़ अस्पताल एसकेएमसीएच में डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर, हेल्थ मेनेजर, 17 नर्स और 5 फैकल्टी समेत 50 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. पॉजिटिव होने के बाद सभी को होम आइसोलशन में भेज दिया है. इसके बाद मरीज के इलाज पर संकट गहराया है. मरीजों का इलाज करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.
वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार मौत के सही आंकडे़ को छिपा रही है. आम लोग भी मानते हैं कि संक्रमण की वजह से अपने घर में ही दम तोड़ देने वाले नागरिकों का डाटा सरकार नहीं इकट्ठा कर पा रही है. अब एक-एक दिन में आठ हजार से अधिक नए संक्रमित मिल रहे हैं. कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या अब करीब 40 हजार के पार पहुंच गई है.
राज्य में ना केवल राजधानी पटना बल्कि गया सहित अन्य दूसरे शहरों में भी कोरोना महामारी ने विकराल रूप अख्तियार कर लिया है. सरकार का दावा है कि संक्रमितों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं और कहीं कोई समस्या नहीं है. इस दावे के इतर सरकारी अस्पताल पूरी तरह से फुल हैं. नए मरीजों के लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं हैं. प्राइवेट अस्पताल ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को वापस कर रहे हैं.
बिहार में कोरोना के तांडव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवाऱ शाम नाइट कर्फ्यू सहित कई अन्य बडे़ फैसले लिए हैं. पटना के बांस घाट पर कोरोना संक्रमितों के शव के अंतिम संस्कार के लिए नंबर आने में छह से सात घंटे का समय लग रहा है. कोई सुबह दस बजे तो कोई अहले सुबह से ही शव को लाइन में लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
विद्युत शवदाह गृह के अंदर दर्जनों शव लाइन में पडे़ हैं. बाहर परिजन अंदर उनके अपनों का शव. लोग बार-बार उठ कर देख रहे हैं कि कोई शव को आगे-पीछे तो नहीं कर रहा है न. वहीं, बांस घाट के बाहर सड़कों पर पीपीइ कीट, मास्क समेत अन्य संक्रमित वस्तु फेंका हुआ दिख जाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पटना के कई निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. मगर इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण बेड खाली रहते हुये भी मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं.
प्राइवेट अस्पताल संचालकों का कहना है कि ऑक्सीजन का जितनी डिमांड है, उसका 10 फीसदी भी सप्लाइ नहीं हो रहा है. ऐसे में जिन मरीजों को ऑक्सीजन की कम मात्रा में आवश्यकता है, केवल उन्हें ही भर्ती किया जा रहा है. इसके साथ ही ऐसे कई अस्ताल हैं, जो चार-चार दिनों से ऑक्सीजन सिलिंडर मिलने का इंतजार कर रहे हैं. कई अस्पताल ऐसे भी हैं, जहां पहले से भर्ती कोरोना मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन खत्म होने के बारे में बताते हुये उन्हें दूसरे अस्पतालों में जाने के लिये कहा जा रहा है.
इसबीच बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया कि कोरोना संक्रमण से अबतक राज्य के 50 शिक्षकों ने अपनी जान गंवाई है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट से विद्यालय आने जाने के क्रम में बडे पैमाने पर शिक्षक कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच स्कूल आने की बाध्यता के कारण सैकडों शिक्षक एवं उनके परिवारी सदस्य कोरोना पाजिटिव हो चुके हैं.
इनमें कई गंभीर हाल में अस्पतालों में भर्ती हैं. संघ के राज्य अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार कोरोना से मरे शिक्षकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि वह यथाशीघ्र कोरोना संक्रमण से मरे शिक्षकों के आश्रितों को कम से कम 30 लाख की अनुग्रह राशि और एक परिजन को पक्की सरकारी नौकरी दे.