कोरोना आर्थिक पैकेज: MSME सेक्टर के लिए मोदी सरकार ने किए 6 बड़े ऐलान, एमएसएमई की परिभाषा भी बदली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2020 05:22 PM2020-05-13T17:22:21+5:302020-05-13T17:31:02+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि एमएसएमई की परिभाषा बदलने से कंपनी आकार के बढ़ने की चिंता ना करें. उन्हें आकार बढ़ने पर भी वही फायदे मिलेंगे जो एमएसएमई रहते हुए मिल रहे थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा। सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा भी बताई है। नई परिभाषा के अनुसार 25 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट कर जो 5 करोड़ तक का व्यापार करेगा उसे माइक्रो यूनिट माना जाएगा। 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार को स्मॉल यूनिट माना जाएगा। वहीं 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ तक के टर्नओवर को मीडियम माना जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों को लाभ होगा और इस कदम से आत्मनिर्भर भारत बनेगा।
MSME को तीन लाख करोड़ रुपये लोन
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये क्रेडिट फ्री लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख छोटे उद्योगों को फायदा होने जा रहा है। लोन लेने वाले एमएसएमई को एक साल ईएमआई चुकाने से राहत मिलेगी। ये योजना 31 अक्टूबर 2020 तक प्रभावी रहेगी। जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं। लोन को चार सालों में चुकाना होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
1. सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमई) के बिना गारंटी के स्वचालित तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज, 45 लाख एमएसएमई इकाइयों को लाभ।
2. एमएसएमई को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी, दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे
3.वृद्धि क्षमता रखने वाली लघु और मझोली इकाइयों में एमएसएमई में एमएसएमई फंड ऑफ फंड के जरिये 50,000 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी डाली जाएगी
4. एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा
5. कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान के लिए सरकार 2,500 करोड़ रुपये देगी, यह प्रोत्साहन योजना अगस्त तक के लिये बढ़ायी गयी
6. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों और एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के धन के उधार की सुविधा
7. एनबीएफसी को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिये 45,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी
8. करदाताओं को 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया, 14 लाख करदाताओं को लाभ
9. बिजली वितरण कंपनियों के समक्ष गंभीर संकट, 90,000 करोड़ रुपये की आपात नकदी उपलब्ध करायी जाएगी