भारत सभी जरूरतमंद देशों को सप्लाई करेगा पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, अमेरिका भी कर रहा है इसकी मांग
By रामदीप मिश्रा | Published: April 7, 2020 10:45 AM2020-04-07T10:45:08+5:302020-04-07T10:48:44+5:30
COVID-19 महामारी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा।
कोरोना वायरस के कहर से पूरे विश्व में हंगामा बरपा हुआ है। इस बीच अमेरिका कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ट्रायल के तौर पर भारत से दवा की सप्लाई की मांग लगातार कर रहा था, जिसको लेकर भारत सरकार ने हामी भर दी है। दरअसल, भारत ने ऐसा निर्णय कोरोना महामारी के बीच मानवीय पहलुओं को देखते हुए लिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 महामारी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ उन देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
We will also be supplying these essential drugs to some nations who have been particularly badly affected by the pandemic. We would therefore discourage any speculation in this regard or any attempts to politicise the matter: Ministry of External Affairs (MEA) #COVID19https://t.co/T4BPoXkLDM
— ANI (@ANI) April 7, 2020
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने को मंजूरी देता है तो हम इसकी सराहना करेंगे, यदि भारत ने दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया। अमेरिका ने भारत को इस दवा ऑर्डर दिया था। भारत ने पिछले महीने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके कुछ निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक इस वायरस से अमेरिका में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। दुनिया में अमेरिका कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक है।