कोरोना संकट के बीच लालू यादव को मिल सकती है बड़ी राहत, जेल से आ सकते हैं बाहर
By एस पी सिन्हा | Published: April 7, 2020 02:49 PM2020-04-07T14:49:55+5:302020-04-07T14:49:55+5:30
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार उन्हें पैरोल देने पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है. बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर पैरोल दिया जा सकता है. राज्य सरकार के मंत्री बादल ने इस बात की पुष्टि भी की है.
रांची: कोरोना वायरस के दहशत से देश के लोग भले ही सहमे हुए हों. लेकिन यही कोरोना चारा घोटाला मामले में रांची जेल में सजायाफ्ता कैदी के रूप में रह रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए अच्छी खबर ला सकती है. चर्चाओं पर गौर करें तो कोरोना वायरस के इस महामारी को देखते हुए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है. अगर सबकुछ ठिकठाक रहा तो एक-दो दिनों में कुछ दिनों के लिए लालू प्रसाद यादव अपने घर पटना आ सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार उन्हें पैरोल देने पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है. बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर पैरोल दिया जा सकता है. राज्य सरकार के मंत्री बादल ने इस बात की पुष्टि भी की है. बादल के मुताबिक पैरोल को लेकर राज्य सरकार ने कारा विभाग से बातचीत की है. बता उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए जेल प्रशासन को सजायाफ्ता कैदियों के पैरोल देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया था. वैसे भी लालू प्रसाद यादव की तबीयत ठीक नहीं चल रही है. इसके साथ हीं वह जिस रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं, उसी अस्पताल में कोरोना वायरस से पीड़ितों के लिए कोरोना वार्ड भी बनाया गया. वह रिम्स के पेईंग वार्ड में भर्ती हैं. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि अगर थोड़ी-सी भी असावधानी बरती गई तो इसका संक्रमण लालू प्रसाद यादव तक पहुंच सकता है.
हालांकि, कुछ दिनों पहले ही आठ सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने रिम्स में चल रहे लालू प्रसाद यादव के इलाज की समीक्षा की थी. इसमें तय हुआ था कि लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए फिलहाल एम्स, नयी दिल्ली नहीं भेजा जाएगा. उनके किडनी रोगों की जांच के लिए एम्स नई दिल्ली से एक नेफ्रोलॉजिस्ट बुलाया जाएगा. नेफ्रोलॉजिस्ट यदि उन्हें इलाज के लिए रिम्स से बाहर भेजने की बात कहते हैं तब उस दिशा में कार्रवाई की जाएगी. रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया लाईन ऑफ ट्रीटमेंट, दी जा रही दवाएं और प्रोटोकॉल देखने के बाद मेडिकल बोर्ड रिम्स में चल रहे उनके इलाज से संतुष्ट है. डॉ कश्यप ने बताया कि बोर्ड ने पाया है कि लालू प्रसाद यादव सीकेडी (क्रोनिक किडनी डिजीज) स्टेज 3 के मरीज हैं. साथ ही अन्य कई बीमारियां भी है. चूंकि रिम्स में कोई नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं हैं. इसलिए मेडिकल बोर्ड ने बाहर के किसी नेफ्रोलॉजिस्ट को बुलाकर सेकेंड ओपीनियन लेने का निर्णय लिया है या बाहर में किसी नेफ्रोलॉजिस्ट के पास भेजकर भी राय ली जा सकती है. ऐसे में जबकि कोरोना वायरस का कहर जारी है तो लालू प्रसाद यादव के गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्हें अपने वार्ड से बाहर जाने की अनुमति नही दी जा रही है.
यहां बता दें कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव संयुक्त बिहार के बहुचर्चित 950 करोड रुपये के चारा घोटाला मामले में सजा भुगत रहे हैं. यह जब घोटाला वर्ष 1990 से 1994 के बीच हुआ था, तब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे. इस दौरान तब के संयुक्त बिहार और अब विभाजित झारखंड के कई कोषागार से करोडों रूपये अवैध रूप से निकाल लिये गये थे. इसमें से कई घोटालों में आरोपी लालू प्रसाद यादव को भी बनाया गया था. जिसमें उन्हें सजा मिली है.