कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद रूसी टीका स्पुतनिक वी को हरी झंडी, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 11, 2021 08:16 PM2021-04-11T20:16:04+5:302021-04-11T20:17:17+5:30
अक्तूबर के अंत तक भारत को पांच और टीके मिल सकते हैं। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के लिए दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को लेकर मंजूरी मिली है।
नई दिल्लीः कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद देश में रूस का टीका स्पुतनिक वी को हरी झंडी मिलने वाली है।
उम्मीद है कि 10 दिन के भीतर इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को सरकार मंजूरी मिल जाए। इससे काफी हद तक देश में वैक्सीन की कमी की शिकायत दूर हो सकती है। टीके के 850 मिलियन खुराक के प्रोडक्शन के लिए स्पुतनिक वी ने देश की कई कंपनियों के साथ समझौता भी किया है।
स्पुतनिक का टीका जून तक अस्पतालों में उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके अलावा इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक भारत को पांच और टीके मिल सकते हैं। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के लिए दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को लेकर मंजूरी मिली है। इन दोनों टीकों का निर्माण भी भारत में ही हो रहा है।
सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस साल तीसरी तिमाही तक कोरोना वायरस के पांच और टीके भारत में हो सकते हैं. ये पांच टीके हैं स्पूतनिक वी (डॉ रेड्डी के सहयोग से) जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन (बायोलॉजिकल ई के साथ), नोवावैक्स वैक्सीन (सीरम इंडिया के साथ मिलकर), जाइजस कैडिला का टीका और भारत बायोटेक का इंट्रानैजल वैक्सीन शामिल हैं।
कुल 20 टीके पाइप लाइन में सूत्रों ने बताया कि देश में लगभग 20 टीके ऐसे हैं जो कि क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल ट्रायल में हैं। वहीं, जॉनसन और जॉनसन और कैडिला जाइडस अगस्त तक उपलब्ध हो सकते हैं, जबकि नोवैक्स सितंबर और इंट्रानैजल वैक्सीन अक्तूबर तक उपलब्ध हो सकता है, सूत्रों ने कहा कि सरकार वैक्सीन की उपलब्धता पर तेजी से काम कर रही है।
सरकार ने भारत में कोविड की स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगाई
कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण रेमडेसिविर की मांग बढ़ने के मद्देनजर केन्द्र ने रविवार को कहा कि वायरल रोधी इंजेक्शन और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा दवा की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर के सभी घरेलू निर्माताओं को अपने विक्रेताओं और वितरकों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने की सलाह दी गई है।
औषधि निरीक्षकों और अन्य अधिकारियों को भंडार को सत्यापित करने, कदाचारों की जांच करने और इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अन्य प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गये है। राज्यों के स्वास्थ्य सचिव संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के औषधि निरीक्षकों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है। देश में 11 अप्रैल तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11.08 लाख है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे कोविड मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है।’’ उसने कहा कि आने वाले दिनों में इसकी मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है।
मंत्रालय ने कहा कि सात भारतीय कंपनियां मेसर्स गिलीड साइंसेज, अमेरिका, के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्शन का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख इकाइयों को बनाने की क्षमता है। उसने कहा, ‘‘भारत सरकार ने स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है।’’ मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्युटिकल विभाग दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए घरेलू निर्माताओं के साथ संपर्क में है।